आइस स्कीईंग के लिए परफेक्ट

मुंडाली में बर्फबारी सीजन के दौरान सफेद बर्फ की चादर हर बार ओढ़ी हुई देखी जा सकती है। नॉर्थ फेज की ओर होने के कारण यहां बर्फ लेट तक बर्फ पिघलने का नाम नहीं लेती। जनवरी आखिर तक यहां बर्फ के स्लोप आसानी से देखे जा सकते हैं। लिहाजा, डब्ल्यूजीएफआई और विंटर गेम्स एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड क   टीम ने विजिट के बाद आइस स्कींग की संभावनाएं होने पर मोहर लगाई है। संडे को रायपुर स्पोट्र्स कॉलेज में संपन्न हुई एजीएम की बैठक आयोजित की गई। यहां इस पर आम सहमति बन गई। बैठक में कहा गया कि जल्द ही ओएनजीसी के अधिकारियों के साथ डब्ल्यूजीएफआई, डब्ल्यूजीएयू की टीम फिर से विजिट कर केंद्र व प्रदेश सरकार को यहां मौजूद रहने वाले आइस स्लोप और आइस स्कीईंग की संभावनाओं पर रिपोर्ट सौंपेगी। बताया गया है कि मुंडाली पर पहले ही बहुगुणा सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने सरकार की तरफ से भरपूर मदद का आश्वासन भी दे दिया है। डब्ल्यूजीएयू के सेक्रेट्री गोविंद पंत के मुताबिक इस आइस स्लोप को तैयार करने के लिए ओएनजीसी ने भी अपनी सहमति दी है। इसके निर्माण में एजीएम की बैठक में करीब 200-300 करोड़ रुपए की लागत लगने का अनुमान भी है। आइस स्कीईंग का ट्रैक करीब 800 मीटर तक होना बताया गया है।

सिक्किम व एपी की सरकारों को पत्र

डब्ल्यूजीएफआई के देश में ऐसे ही आइस स्लोप को ढूंढने पर विचार कर रही है, जिसमें सिक्किम, आंध्र प्रदेश शामिल हैं। बताया गया कि इसके लिए वहां की सरकारों को भी लेटर लिखा जा रहा है।