-आरटीआई कार्यकर्ता ने नगर आयुक्त और चीफ सेक्रेटरी को दिया नोटिस

-नगर निगम निदेशालय को पत्र लिखकर सफाई कर्मियों के बढ़ाने की मांग रखी

Meerut: सफाई कर्मचारियों की रिक्तियों को लेकर शासन के निर्णय व शहर की जनसंख्या के सापेक्ष घटती सफाई कर्मचारियों की संख्या के खिलाफ चीफ सेक्रेटरी, मेयर व नगर आयुक्त को नोटिस जारी हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने इसको नगर निगम एक्ट व हेल्थ मैनुअल के खिलाफ बताते हुए शासन से जवाब मांगा है।

क्या है मामला

प्रमुख सचिव को भेजे गए नोटिस में आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने बताया किसी शासन ने राज्य में लगभग चार हजार सफाईकर्मियों की भर्ती की घोषणा की है, जिसमें से मेरठ की हिस्से में केवल 22 पद ही आए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि शहर की जनसंख्या के हिसाब से लगभग दो हजार सफाई कर्मियों की नियुक्तियां किया जाना जरूरी है। इस मामले मेरठ को लेकर शासन की घोषणा सही नहीं है।

महत्वपूर्ण बिंदू --

-शहर की आबादी 18 लाख, वार्ड 80, मोहल्ले 566 हैं। इनमें कुल सफाईकर्मियों की संख्या 3400 है।

-नगर निगम अधिनियम के अनुसार 10 हजार की आबादी पर 30 सफाईकर्मियों का होना जरूरी है।

-मानकों के अनुसार शहर में एक हजार की आबादी पर तीन सफाईकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। इस हिसाब से सफाई कर्मियों की संख्या 5400 के आसपास होनी चाहिए।

-शहर की 40 प्रतिशत सफाई कर्मियों का भार अन्य सफाईकर्मियों पर है, जिससे कार्य क्षमता में कमी आती है।

सफाईकर्मियों को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा व हेल्थ मैनुअल के खिलाफ सफाई कर्मियों की घटती संख्या पर प्रमुख सचिव व नगर आयुक्त आदि को नोटिस जारी किया है। पूरा मामला हाईकोर्ट में फाइल किया जाएगा।

लोकेश खुराना, आरटीआई कार्यकर्ता