- नगर निगम में सफाईकर्मियों के तबादले में हुई किरकिरी

आगरा। नगर निगम विवादों में उलझता जा रहा है। पहले राजनेताओं ने भ्रष्टाचार और फिर प्रतिमा को लेकर आखाड़ा बनाया। अब नगर निगम के प्रशासनिक कामकाज पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। नगर आयुक्त के फरमान की ही अवहेलना की जा रही है। इसका खुलासा बुधवार को नगर आयुक्त के आदेश के जारी होने के बाद हुआ। दरअसल इसमें आयुक्त ने स्वयं स्वीकारा कि उनके पूर्व के आदेशों के अमल में लापरवाही बरती गई। इस पर नाराजगी जताते हुए नगर आयुक्त को एक नया आदेश जारी करना पड़ा।

नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने सालोंसाल से जमा सफाईकर्मियों का थोक में तबादला कर दिया। इसे तबादले से पहले नगर आयुक्त ने जेएचओ समेत अन्य सफाई से जुड़े अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने रिपोर्ट में मनमानी की। इसका नतीजा सफाईकर्मियों में उबाल के रूप में दिखा। कई दिनों तक हड़ताल रही। सांसद रामशंकर कठेरिया के आवास तक सफाईकर्मी पहुंच गए। उनके हस्तक्षेप के बाद सफाईकर्मियों ने हड़ताल वापस ली और नगर आयुक्त को अपने आदेश में संशोधन भी करना पड़ा। इससे आयुक्त की बहुत किरकिरी हुई। उन्होंने बुधवार को तत्काल एक आदेश जारी किया। इसमें सफाईकर्मियों के तबादले का आदेश तत्काल स्थगन और लापरवाही का उल्लेख किया गया है।

ये आदेश में लिखा

नगर निगम आयुक्त ने 30 मई 2018 को सफाईकर्मियों के तबादले में नया आदेश जारी किया। इसमें तत्काल प्रभाव से सफाईकर्मियों के तबादले को स्थगित करने का फरमान दिया। वहीं जोनल सेनेटरी ऑफिसर, सीएसएफआई और सभी एसएफआई को स्पष्ट किया कि मानकों के अधीन स्थानांतरण के लिए उपयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन आपने जानबूझकर लापरवाहीपूर्वक मेरे निर्देशों को दरकिनार करके असंगत प्रस्ताव प्रस्तुत किए।