-हंगामे दार रही नगर निगमबोर्ड की बैठक
- बीआरडी को 15 करोड़ देना बताया नियमों के खिलाफ
GORAKHPUR: नगर निगम के सदन की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। बीआरडी में काम करवाने के लिए नगर निगम द्वारा शासन से लिए 15 करोड़ रुपए को सपा पार्षद जियाउल इस्लाम ने नियमों के खिलाफ बताया। इसके अलावा टेंडर के रेट, अधिकारियों की कार्यशैली, वार्डो के विकास संबंधी कई मुद्दों पर पार्षदों ने सवाल खड़े किए। बैनर, पोस्टर के साथ पहुंचे सपा पार्षदों ने हंगामे के दौरान नारेबाजी भी की। इस बीच अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली सहित कई योजनाओं को सदन ने हरी झंडी दिखा दी।
बीआरडी के प्रस्ताव पर नाराजगी
मंगलवार को मेयर सीताराम जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित नगर निगम बोर्ड बैठक में बीआरडी को 15 करोड़ दिए जाने के प्रस्ताव को सदन के सामने नहीं प्रस्तुत करने पर नाराजगी जताते हुए जियाउल इस्लाम ने कहा कि नियमानुसार 20 लाख रुपये से ज्यादा के कार्य को कार्यकारिणी का और 38 लाख तक के काम को बोर्ड की मंजूरी जरूरी होती है। नगर आयुक्त प्रेमप्रकाश सिंह ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कालेज में लगभग 15 करोड़ के कार्य को शासन की सहमति के बाद से निविदा की गई है। इस दौरान चीफ इंजीनियर सुरेश चंद, लेखाधिकारी ब्रजेश सिंह सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली को मंजूरी
नगर निगम सदन ने बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली को मंजूरी दे दी। जिसके बाद शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए गंदगी फैलाने पर जुर्माने की रकम तय की गई है। नगर आयुक्त प्रेमप्रकाश सिंह ने कहा कि बोर्ड की स्वीकृति के बाद अब इसका प्रकाशन होगा। प्रकाशन के बाद लोगों से आपत्ति मांगी जाएगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद गजट नोटिफिकेशन होगा और नियमावली अस्तित्व में आ जाएगी। इसमें सफाई कर्मचारियों के संख्या बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई। करीब 1600 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है।
आठ हजार स्ट्रीट लाइट प्वाइंट को मंजूरी
स्ट्रीट लाइट समस्या पर बोलते हुए मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि शहर में 8000 बिजली के खंभों पर लाइटें नहीं लगी हैं। शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है।
-पार्षद अमरनाथ यादव ने कहा कि नगर निगम की ओर से बनाई गई सड़क थोड़े दिन में ही टूट जाती है, जबकि विधायक निधि की बनी सड़क लम्बे समय तक काम करती हैं। इसके लिए निर्माण विभाग द्वारा तय रेट लिस्ट को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि निर्माण कार्य के लिए पीडब्लूडी की तरह रेट लिस्ट तय किया जाए।
क्यों लगता है 18 प्रतिशत कमीशन
पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने निर्माण विभाग के अधिकारियों पर विकास क ार्यो का अधिक स्टीमेट तैयार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 18 प्रतिशत तक कमीशन लेकर निगम में स्टीमेट तैयार किया जाता है। वहीं देवेंद्र गौड़ पिंटू ने निगम के एक जूनियर इंजीनियर पर टेक्निकल फाइल के लिए 500 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
सदन में ही बैठे धरने पर
नगर निगम के एक अधिशासी अभियंता पर पत्रावली फाड़ने संबंधी आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर भाजपा पार्षद चंद्रशेखर सिंह ने नगर निगम सदन में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने नगर आयुक्त से कार्रवाई की मांग की। हालांकि निगम के निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दबाव बनाने की रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है।
प्रस्तावों को मिली बोर्ड की मंजूरी
-पार्षदों द्वारा उनके वार्ड में 25 लाख के काम और 10 लाख तक के छोटे छोटे कामों को कराने के लिए हर सप्ताह में एक निविदा जारी की जाएगी।
-सड़क, नाली आदि निर्माण के लिए नगर निगम स्टोर में पर्याप्त सामग्री मंगायी जाएगी।
-जून तक सभी वर्क आर्डर जारी हो जाएंगे।
-निर्माण विभाग के बेलदारों की कमी को देखते हुए आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों को रखने का निर्णय.लिया गया।
-स्ट्रीट लाइट की तरह वाडरें में निर्माण संबंधी काम के दिन तय होंगे।
-वाडरें में जनसंख्या और क्षेत्रफल के अनुसार नए सिरे से तय होंगे सफाई कर्मचारी।
-शहर में खराब ट्यूबवेल और हैंडपंपों की मरम्मत कराई जाएगी।
-बारिश के पहले नालों के निर्माण कार्य पूरे होंगे।