- नगर निगम बनाएगा और व्यापारी करेंगे रखरखाव

- आई नेक्स्ट के इंपैक्ट में नगर निगम ने दिया आश्वासन

- ग्रुप डिस्कशन में नगर आयुक्त ने भी रखी अपनी बात

GORAKHPUR: आई नेक्स्ट की मुहिम 'जाएं तो जाएं कहां' का असर दिखा। इस कैंपेन के ग्रुप डिस्कशन में शामिल होने पहुंचे नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि मार्केट के हिस्से वाला यूरिनल अब सही हाल में मिलेगा। कहा कि नगर निगम के पास पैसे की कमी नहीं है। इसके लिए सर्वे कराने के साथ ही योजना भी बना ली गई है। वहीं, मुहिम में व्यापारियों ने यूरिनल बनवाने का दावा किया। जबकि, आम नागरिकों ने गंदगी न फैलाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया।

यह िनकला नतीजा

- शहर के 84 सुलभ शौचालय के जीर्णोद्धार के लिए योजना बन रही है

- शहर में खराब हालत वाले यूरिनल का नवनिर्माण होगा

- एक से डेढ़ माह में नगर निगम शहर में यूरिनल बनवाएगा

- नेडा, डूडा और सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं से बात हो रही है कि वह अपने सुलभ शौचालय के रख-रखाव को व्यवस्थित करें

- सभी सुलभ शौचालय पर तैनात कर्मचारियों को कुछ न कुछ वेतन मिले, इस मुद्दे पर मंथन चल रहा है

-अब जहां भी शहर में खुले में कूड़ादान बने हैं, वहां टीन शेड वाला कूड़ादान बनाया जाएगा और उसके पास ही यूरिनल का भी निर्माण किया जाएगा

- कुछ सुलभ शौचालय और यूरिनल पर पानी की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम वहां बिजली और पानी की व्यवस्था करेगा

सफाई की भी होगी जांच

ग्रुप डिस्कशन में आए नगर आयुक्त बीएन सिंह ने यूरिनल की सफाई के मुद्दे पर भी बात की। इस पर उठे सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिस एरिया में यूरिनल बना है, उसकी सफाई की जिम्मेदारी एरिया में तैनात सफाईकर्मी की होती है। लेकिन अधिकांश मामलों में इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता है। इस कारण वहां गंदगी का अंबार लग जाता है। इस स्थिति में अब स्वास्थ्य विभाग के इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने एरिया के यूरिनल की सफाई हर हाल में सुनिश्चित कराएं। नगर आयुक्त ने कहा कि अब सफाई निरीक्षण में यूरिनल की सफाई की जांच प्राथमिकता में रखी जाएगी।

थैंक्स आई नेक्स्ट, हम करेंगे सहयोग

मार्केट में गायब पब्लिक यूरिनल को लेकर आई नेक्स्ट के कैंपेन 'जाएं तो जाएं कहां' के ग्रुप डिस्कशन में आए सभी गेस्ट ने एक सुर में इसकी तारीफ की। सभी का कहना था कि आई नेक्स्ट पब्लिक मुद्दों को लेकर मार्केट में आता है। मार्केट में यूरिनल न होना एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम है, लेकिन कोई कह नहीं पाता था। इस कैंपेन से बेहद खुश पब्लिक भी इसमें सहयोग करने के लिए तैयार है। गेस्ट ने उम्मीद जताई कि नगर निगम के प्रयास और पब्लिक के सहयोग से मार्केट की स्थिति बदलेगी।

यह है नगर निगम की योजना

नगर आयुक्त ने शहर के यूरिनल और सुलभ शौचालय बनवाने को लेकर अपनी योजना बताते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है। शहर की आबादी को दो हिस्सों में बांटा गया है। इसमें पहले हिस्से में ऐसी आबादी जो घरों में रहती है और दूसरी आबादी जो बाजारवासी हैं। ऐसे में बाजारवासी को ध्यान में रखकर योजना बनी है, जिसमें सभी प्रमुख मार्केट में कम से कम तीन यूरिनल और छोटे मार्केट में एक या दो यूरिनल बनवाने की योजना है। इन पर पानी की टंकी भी रखी जाएगी ताकि जो वहां जाए कम से कम पानी डाल दे, जिससे गंदगी तत्काल साफ हो जाए। साथ ही नगर निगम इसके लिए जागरुकता अभियान भी चलाने की तैयारी कर रहा है।

कोट्स

शहर के मार्केट में इन दिनों यूरिनल की प्रॉब्लम है। बहुत कुछ बदलने का प्रयास किया जा रहा है। पब्लिक अगर सहयोग करे तो आने वाले दिनों में ये प्रॉब्लम लगभग दूर हो जाएगी।

- बीएन सिंह, नगर आयुक्त

मार्केट की सभी सुविधाएं नगर निगम को देनी हैं, जबकि उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पब्लिक की होती है। जब तक पब्लिक यूरिनल की सफाई के प्रति जिम्मेदार नहीं होती तब तक कुछ नहीं होने वाला है।

- सीताराम जायसवाल, अध्यक्ष, -----

मार्केट में यूरिनल न होने का नुकसान पब्लिक और व्यापारी दोनों को उठाना पड़ता है। कई बार तो ऐसा होता है कि कोई लेडीज मार्केट करने आती है और अचानक बीच में छोड़कर लौट जाती है। ऐसे में व्यापारी अपना कस्टमर खोता ही है। पब्लिक को भी दूसरी बार आने पर खर्च करना पड़ता है।

- मनीष चांदवासिया, अध्यक्ष चेंबर ऑफ ट्रेडर्स

शहर को बदलने की जरूरत है। नगर निगम सभी व्यवस्था अगर सही कर देता है तो पब्लिक उसे बर्बाद ना करके अपना समझे। दोनों के सहयोग से तस्वीर बदल सकती है।

- जगत जायसवाल, महामंत्री, चेंबर ऑफ ट्रेडर्स

शहर के जिम्मेदारों और लोगों में ईगो प्रॉब्लम है। अगर उनसे कोई कुछ कहता है तो वह अपने ईगो पर ले लेते हैं। ऐसे में कई बार अच्छी योजनाएं ठप हो जाती है। यूरिनल या सुलभ शौचालय में यह प्रॉब्लम आती है। जब तक दोनों पक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे तब तक स्थिति नहीं सुधरने वाली।

- दीपक जायसवाल, व्यापारी

शहर में पब्लिक यूरिनल की बहुत बड़ी प्रॉब्लम है। कहीं पब्लिक टॅयलेट है ही नहीं, अगर है तो वह इतनी बेकार हालत में है कि वहां कोई जाना ही नहीं चाहता। ऐसे में नगर निगम और पब्लिक दोनों को इस कार्य के लिए एक साथ आगे आने की जरूरत है।

- अनीता जायसवाल, फैमिली काउंसलर व एडवोकेट

कहीं सफाई नहीं होती है। शहर के यूरिनल में तो बहुत गंदगी रहती ही है। महिलाओं के लिए तो शहर के सभी मार्केट में ये बड़ी प्रॉब्लम है। कभी बीच मार्केट में आवश्यकता पड़ जाती है तो बारी परेशानी खड़ी हो जाती है।

- डिंपल मिश्रा, स्टूडेंट

शहर में यूरिनल ना होने की देन है कि कभी आवश्यकता पड़ने पर शर्म आने लगती है। एक तो शहर में कहीं यूरिनल है ही नहीं है, अगर है तो वहां जाने से डर लगता है कि जाने पर बीमारियां ना मिल जाएं।

- आकृति मेहरोत्रा, स्टूडेंट

मार्केट में पब्लिक यूरिनल अगर बनता है तो हम सहयोग के लिए तैयार हैं, अगर एक यूरिनल की सुरक्षा और संरक्षा सही से होती है तो हजारों लोगों को राहत मिल जाती है।

पारसनाथ, नागरिक

नगर निगम और पब्लिक को भी पब्लिक यूरिनल को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। अगर आज नहीं चेते तो आने वाले दिनों में शहर के लिए यह बहुत बड़ी समस्या बन सकती है।

नीरज,