मुंशी प्रेमचंद्र की 137वीं जयंती पर संस्थाओं ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को किया नमन

ALLAHABAD: हिन्दी साहित्य के कालजयी रचनाकार मुंशी प्रेमचंद्र की 137वीं जयंती सोमवार को धूमधाम से मनाई गई। शहर की सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं ने गोष्ठी के जरिए मुंशी जी के कृतित्व और व्यक्तित्व को नमन किया। प्रयास संस्था की ओर से मीरापुर स्थित कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्था के संयोजक सुमित श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ कुलवंशज मुंशी प्रेमचंद्र ने अपनी लेखनी से समाज के साथ ही हिन्दी साहित्य को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण काम किया था। इसकी प्रासंगिकता साहित्य से लेकर समाज तक में आज भी बनी हुई है।

गोष्ठी का किया गया आयोजन

मयूर रंगमंच द्वारा कमला भवन में मुंशी प्रेमचंद्र की कहानियां व वर्तमान समाज में उनकी प्रासंगिकता विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ रंगकर्मी हरिराम श्रीवास्तव ने कहा कि मुंशी जी की कहानियों के पात्र आज भी हमारे समाज में उपस्थित हैं। संस्था अध्यक्ष शशिकांत शर्मा ने मुंशी जी के कृतित्व पर प्रकाश डाला। समर्पित संस्था की ओर से प्रधान कार्यालय में मुंशी जी द्वारा लिखित नाटक सद्गति का मंचन किया गया। प्रस्तुति के जरिए कलाकारों ने जाति पाति व छूआछूत पर करारा प्रहार किया।