पिता हो चुके हैं दिवंगत, परिवार में सबसे छोटा था विजय
ALLAHABAD: मर्डर के बाद सुसाइड केस में खलनायक के रूप में सामने आये विजय उर्फ ब्रजेश यादव की फैमिली वारदात की जानकारी होने पर अवाक रह गयी। किसी को भरोसा ही नहीं हो रहा था विजय ऐसा कर सकता है। गांव की रामलीला में दो साल पहले तक लक्ष्मण का रोल प्ले करने वाले विजय का फैमिली बैकग्राउंड बेहद खराब है। आर्थिक स्थिति के मामले में रोज कमाकर खाने की नौबत है। विजय की नौकरी भी ऐसी नहीं थी कि वह घर का बोझ अकेले उठा सके।
ग्रेजुएट तक की थी पढ़ाई
शेरडीह रहिमापुर के रहने वाले विजय उर्फ ब्रजेश के पिता प्यारेलाल का निधन इसी साल हो चुका है। शराब की लत के चलते खेती-बारी बिक चुकी है। उनका बड़ा बेटा सोहन लाल बाहर रहता है और छोटा बेटा भी रोज कमाकर ही दो वक्त की रोटी जुटाने वाली स्थिति में है। रात आठ बजे घटना की सूचना इस परिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कर्मचारी से ही मिली। विजय के भाई और भाभी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी है। परिवारवालों के अनुसार विजय ने दो साल पहले कमलेश यादव डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया था। करीब तीन-चार महीने से उसने सिम डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू कर दिया था। उसकी शादी होनी अभी बाकी थी। देर शाम तक वह काम निबटाकर घर पहुंच जाता था।
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कहां से आया तमंचा का पैसा
विजय सिम डिस्ट्रीब्यूशन का काम करता था
इससे उसे बमुश्किल मंथली इनकम पांच हजार रुपये होती थी
वह बाइक भी रखता था। इसका खर्च भी वह खुद ही उठाता था
मृतका वंशिका की मां के अनुसार विजय दो असलहे लेकर पहुंचा था
प्रत्येक असलहे की चार-चार गोलियां मिली हैं
दो गोलियां इस्तेमाल में लायी गयी थीं और दो का यूज नहीं हुआ था
विजय के पास ये असलहे कहां से आये
असलहे और गोलियों का पैसा उसके पास कहां से आया
उसने वंशिका को गोली क्यों मारी
वंशिका का पीछा कर रहा था तो असलहा कहां से और कैसे आया
प्रेम-प्रपंच का मामला तो नहीं
मृतका वंशिका की मां ने यह नहीं कबूला कि उनकी बेटी पहले से विजय को जानती थी। उधर, विजय के परिवार के सदस्य भी वंशिका के बारे में पूरी तरह से अनभिज्ञ थे। दोनों परिवारों के पास इसका कोई जवाब नहीं था कि दोनो अगर एक-दूसरे को पहले से नहीं जानते थे तो गोली मारने की नौबत कैसे आयी। वंशिका की मां उर्मिला का कहना है कि पार्क में घुसते ही विजय ने बेटी का हाथ पकड़कर खींचने का प्रयास किया था। यह भी किसी के गले से नहीं उतर रहा। माना यही जा रहा है कि दोनो पहले से एक-दूसरे को जानते होंगे। संभव हो कि दोनो में प्रेम संबंध रहा हो। दोनो साथ जीने की ख्वाहिश रखते हों लेकिन आर्थिक स्थिति और जाति ने दोनो के बीच फासला क्रिएट कर दिया हो।