- जैतपुर तिहरे हत्याकांड के पीडि़त परिवार ने मांगी पुलिस से मदद

- रेप के आरोप में पुलिस ने जैतपुर तिहरे हत्याकांड के गवाह को पकड़ा, 24 घंटे की जांच के बाद छोड़ा

GORAKHPUR: चर्चित जैतपुर तिहरे हत्याकांड के पीडि़त फैमिली के एक मेंबर पर रेप का केस दर्ज कराए जाने को परिजनों ने हत्यारोपियों की साजिश करार दिया है। फैमिली मेंबर्स ने पुलिस अफसरों से इस संबंध में गुहार लगाई और कहा कि पहले तो परिवार के लोगों को खत्म किया गया अब उन्हें फंसाया जा रहा है। इस संबंध में तिहरे हत्याकांड में मारे गए विनोद पांडेय की पत्‍‌नी अनुराधा ने कहा कि हत्यारोपी सुलह का दबाव बना रहे हैं और सफल नहीं होने पर दूसरी बार फर्जी मुकदमा कायम कराया है। पीडि़त परिवार का कहना है कि साजिश में सपा के एक एमलसी व सपा महिला विंग की एक प्रदेश पदाधिकारी शामिल हैं। उधर, 24 घंटे की जांच के बाद पुलिस ने रेप केस में गलत ढंग से फंसाए गए तिहरे हत्याकांड के गवाह को निर्दोष पाए जाने पर छोड़ दिया।

रात भर हुई पूछताछ

जैतपुर तिहरा कांड के गवाह कमलकांत पांडेय, अनुराधा पांडेय व बुजुर्ग सुमन पांडेय ने शनिवार को प्रेस क्लब सभागार में प्रेसवार्ता कर कहा कि तिहरे हत्याकांड में ये तीनों चश्मदीद गवाह हैं। इनमें कमलकांत व अनुराधा पर शाहपुर क्षेत्र की एक ऐसी लड़की ने रेप व साजिश का केस दर्ज कराया है, जिसे वह लोग जानते तक नहीं। केस दर्ज करने के बाद शाहपुर पुलिस ने शुक्रवार को सुबह दस बजे ही कमलकांत को उसके घर से उठा लिया। असुरन चौकी पर उसे पूरी रात रखा गया। इस बीच सपा की एक महिला नेत्री एक लड़की को लेकर चौकी पर पहुंची थीं। कमलकांत ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि वह उस लड़की को जानते तक नहीं, जिसने केस दर्ज कराया है। कमलकांत के मोबाइल की डिटेल चेक करने व पूछताछ के बाद शनिवार को दोपहर में छोड़ा गया। गवाहों ने कहा कि शुरू से ही उन पर सुलह का दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस के भी कुछ लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं। साजिश के तहत एक साल पहले भी आरोपियों ने एक लड़के को खड़ा कर कमलकांत पर फर्जी मुकदमा सहजनवां थाने में दर्ज कराया था।

दबाव में फर्जी मुकदमा

आरोप लगाया कि सपा के एक एमएलसी व महिला नेत्री के दबाव में उन पर फर्जी मुकदमा कायम कराया गया है, ताकि वह लोग टूट जाएं और सुलह कर लें। कमलकांत ने आरोप लगाया कि घटना के कुल चार गवाहों में अकेले वही पुरुष हैं। शेष तीनों मृतकों की विधवाएं हैं। कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल चल रहा है। एक गवाही हो चुकी है और दूसरे की चल रही है। आरोपियों को सजा मिलनी तय है, इसलिए सपा नेताओं का दबाव डलवा कर फर्जी मुकदमा कायम कराया जा रहा है।

आत्मदाह की चेतावनी

अनुराधा पांडेय ने आईजी से मुलाकात कर कहा कि प्रभावशाली आरोपियों व पुलिस के उत्पीड़न से उनका परिवार त्रस्त हो गया है। गोरखपुर जेल से आरोपियों को बाहर के जेल में भेजने के आदेश का भी पालन नहीं कया गया। चेतावनी दी कि फर्जी मुकदमे को जल्द से जल्द खत्म नहीं किया गया तो वह बुजुर्ग सास व पूरे परिवार के साथ सीएम आवास के सामने आत्मदाह कर लेंगी। आईजी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पुलिस की जांच निष्पक्ष होगी। किसी गवाह व पीडि़ता का उत्पीड़न नहीं होगा।

2013 का मामला

सहजनवां थाना क्षेत्र के जैतपुर नगवा निवासिनी अनुराधा पांडेय के पति विनोद कुमार, ससुर रणजीत पांडेय व जेठ मनोज पांडेय की 2013 में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में राणा सिंह, मुकुंद सिंह आदि के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। मामले में उच्च न्यायालय से अभियुक्तों की जमानत अपील खारिज हो चुकी है। पीडि़तों का कहना है कि केस दर्ज होने के बाद से ही हत्यारोपियों की ओर से सुलह करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।