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गम और गुस्से से भरे परिजनों ने लगाया विजय की हत्या का आरोप

<गम और गुस्से से भरे परिजनों ने लगाया विजय की हत्या का आरोप

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे विजय यादव के परिजनों की आंखें शुक्रवार को नम थीं और जुबां पर कई सवाल थे। रिश्तेदारों में भी गम और गुस्से का गुबार था। सभी सोची- समझी रणनीति के तहत उसकी हत्या किए जाने की बातें कर रहे थे। विजय के बड़े भाई मोहन की आंखों से अश्क की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसने सीधे तौर पर भाई की हत्या का आरोप लगाया है।

न वंशिका को मारा न आत्महत्या की

भाई मोहन और उसके शुभचिंतकों की मानें तो विजय का मर्डर हुआ है। उसने न तो वंशिका की हत्या और न ही खुद सुसाइड किया। परिजनों का साफ कहना था कि वंशिका से विजय की दोस्ती के बारे में उन्हें नहीं पता। पोस्टमार्टम हाउस पर दोनों के परिजन एक दूसरे को घूरते रहे। झूंसी और कोतवाली थाने की पुलिस की मौजूदगी में दोनों के शव का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम के बाद शाम को वंशिका का शव रसूलाबाद घाट और विजय के शव को झूंसी घाट ले जाया गया।

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क्या था प्रकरण

झूंसी थाना क्षेत्र के न्याय नगर कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार को बीटीसी द्वितीय वर्ष की छात्रा वंशिका सोनी व विजय यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी। दोनों की बॉडी पास में ही थी। प्रकरण में वंशिका के मामा लवकुश ने रिपोर्ट लिखाई थी कि विजय ने ही पहले भांजी वंशिका की हत्या की फिर खुद को गोली से उड़ा लिया।

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विजय को एक, वंशिका को लगी दो गोली

पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा वंशिका को दो गोली लगी है। पहली गोली पेट में और दूसरी उसके सीने में धंसी है।

विजय के सिर पर बाई ओर एक गोली लगी है। विजय के बड़े भाई की मानें तो वह सारा काम दाहिने हाथ से किया करता था।

सवाल यह उठता है कि जब वह हर काम दाहिने हाथ से करता था तो खुद को गोली बाएं हाथ से कैसे मार सकता है।

पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो डीजीपी ने भी दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तलब की है।

डीजीपी ने केस संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच कराई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकते हैं