नवाबगंज के फरीदपुर गांव में अधेड़ की पीट-पीट कर हत्या

गांव के ही चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज, आरोपी घर छोड़ कर फरार

ALLAHABAD: होलिका दहन की रात नवाबगंज के फरीदपुर गांव में व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हमलावर लाठी, डंडे व कुल्हाड़ी से उसकी जमकर पिटाई किए। सिर पर गंभीर चोट के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की खबर गांव में फैली तो ग्रामीण दौड़ पड़े। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कातिलों के घर दबिश दी। हमलावर घर छोड़ कर फरार हो चुके थे। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आरोपियों पर कार्रवाई व मुआवजे की मांग को लेकर लाश को घर के सामने रख कर अंतिमसंस्कार करने से इंकार करने लगे। पुलिस व राजस्व अधिकारियों के समझाने के बाद सभी शांत हुए।

मृतक की पत्‍‌नी ने दी तहरीर

फरीदपुर गांव निवासी स्व। होलाई प्रजापति का पुत्र रामसजीवन (40) किसानी करता था। गुरुवार की रात पड़ोस के कुछ लोग उसके दरवाजे पर मौजूद जामुन के पेड़ को काट रहे थे। यह देख रामसजीवन जामुन का पेड़ काटने से मना करने लगा। विरोध को देख पेड़ काट रहे लोगों ने लाठी, डंडे व कुल्हाड़ी से उसके ऊपर हमला कर दिया। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी होते ही ग्रामीण घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े। लोग मौके पर पहुंचते इसके पहले घटना को अंजाम देकर हमलावर फरार हो चुके थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हमलावरों के घर दबिश दी। मगर वे पुलिस को घर पर नहीं मिले। मृतक की पत्नी सोना देवी की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही वीरेंद्र कुमार, कौशलेंद्र, लोकेश, विजय के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। शुक्रवार की देर शाम पोस्टमार्टम के बाद उसका शव घर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। नाराज परिजन व ग्रामीण शव दरवाजे पर रख कर अंतिमसंस्कार करने से इंकार करने लगे। उनकी मांग थी कि आरोपियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई व मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाय। उधर मृतक की पत्नी सोना देवी, बेटा रोहित, बेटी खुशबू व सीमा का रो रोकर बेहाल थीं। कई घंटे बाद सीओ सोरांव जितेंद्र गिरी, इंस्पेक्टर नवाबगंज बचन सिंह सिरोही व राजस्व अधिकारी के समझाने के बाद परिजन शव का अंतिमसंस्कार किए।

हत्या का मुख्य कारण

मृतक रामसजीवन व उसके दो भाइयों को 10 बिस्वा जमीन का पट्टा मिला है।

पट्टे की इस जमीन पर गांव के कई लोग कब्जा करके मकान बना लिए हैं।

इसी बात को लेकर कई साल से रामसजीवन का हमलावरों से विवाद था।

परिजनों के मुताबिक मामले को लेकर कई बार उसने शिकायतें की थीं।

जमीन पर कब्जे के खिलाफ उसकी सक्रिय से विपक्षी उससे काफी खफा थे।

'जामुन का पेड़ तो बहाना था साहब'

मृतक की पत्नी सोना देवी व उसके परिजनों के कई गंभीर आरोप हैं। सोना देवी का कहना है कि जामुन के पेड़ को कातिलों ने झगड़े का जरिया बनाया था। असल विवाद तो पट्टे की जमीन का ही है। जमीन के विवाद को लेकर वे हत्या की पूरी प्लानिंग करके आए थे। चूंकि जामुन का पेड़ दरवाजे पर था तो वह काटने से मना करने लगे। इस पर उन्हें मौका मिल गया और लाठी, डंडे एवं कुल्हाड़ी से पीट-पीट कर पति की हत्या कर दिए।

काश, पहले चेत लेते अफसर

मौके पर पहुंचे सीओ सोरांव जितेंद्र गिरी व इन्स्पेक्टर नवाबगंज बचन सिंह सिरोही एवं राजस्व अधिकारी पहले ही चेत लिए होते तो शायद आज रामसजीवन जिंदा होता। उसकी हत्या के बाद पहुंचे इन अधिकारियों ने अब उसके परिजनों से वादा किया है कि वे पट्टे की जमीन को खाली कराएंगे। कहा है कि यदि मामला कोर्ट में विचाराधीन नहीं होगा, तो तत्काल प्रभाव से जमीन को खाली कराकर मृतक के परिजनों को सौंप दी जाएगी। साथ ही किसान बीमा योजना के तहत पांच लाख की आíथक सहायता दिए जाएंगे।