-तीन दिन पहले हुई थी दोनों के बीच मारपीट

-आलमबाग जा रहा था बड़ा भाई, छोटे ने साथियों के साथ रोका था

LUCKNOW: तालकटोरा के राजाजीपुरम में बुधवार सुबह फायरिंग में मारे गए राजेश सिंह का स्कॉर्पियो के पेमेंट को लेकर हत्यारोपी छोटे भाई बृजेश सिंह से विवाद चल रहा था। पारा के शीतलापुरम निवासी रिटायर्ड शिक्षक कपिल देव सिंह का बड़ा बेटा राजेश सिंह प्रॉपर्टी डीलर था। पारा में उसकी साइट चल रही है। वहीं छोटा बेटा बृजेश सिंह चारबाग स्थित एनईआर रेलवे स्टेशन पर कैब वे का स्टैंड संचालित करता है। पिता कपिल देव के मुताबिक, राजेश ने छोटे भाई बृजेश से तीन महीने पहले उसकी स्कार्पियो (यूपी32ईएफ/6989) खरीदी थी। स्कॉर्पियो की कीमत 7.50 लाख रुपये तय हुई थी। सौदे के वक्त राजेश ने बृजेश को 3.50 लाख रुपये पेमेंट कर स्कॉर्पियो ले ली थी। पर, बकाया 4 लाख रुपये का बकाया पेमेंट वह नहीं दे पा रहा था। बताया जाता है कि बृजेश ने कई बार बड़े भाई राजेश से अपनी बकाया रकम मांगी लेकिन, वह हर बार टालमटोल कर देता था।

तीन दिन पहले हुई थी मारपीट

स्कॉर्पियो के बकाया पेमेंट के लिये दोनों भाईयों के बीच तनाव बढ़ने लगा। हालत यह हो गई कि राजेश ने बृजेश से कन्नी काटना शुरू कर दिया और वह उसका फोन भी नहीं उठाता था। यह बात बृजेश को नागवार गुजर रही थी। तीन दिन पहले तीन दिन पहले बृजेश अपने साथियों अजय कुमार पांडेय और बघेल व ड्राइवर के साथ राजेश के घर जा धमका। वहां पहुंचने पर बृजेश ने राजेश से अपनी बकाया रकम की मांग की। भाई के बार-बार तगादे से तंग राजेश ने बकाया चुकाने से साफ इनकार कर दिया। जिस पर उन दोनों के बीच गालीगलौज शुरू हो गई। कपिल देव के मुताबिक, इस दौरान बृजेश और उसके साथियों ने लाठी-डंडों से उसकी पिटाई कर दी। दहशत फैलाने के लिये बृजेश ने हवाई फायरिंग भी की। कपिल देव ने बताया कि उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर इसकी सूचना भी दी थी। पर, एक भी पुलिसकर्मी वहां नहीं पहुंचा और बृजेश जबरन राजेश से चाभी छीनकर स्कॉर्पियो लेकर वहां से चला गया था।

आलमबाग जाते वक्त रोक लिया

एसओ तालकटोरा अशोक कुमार यादव ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 10 बजे राजेश आलमबाग जाने की बात कहकर घर से निकला था। इसी दौरान जब वह राजाजीपुरम में रानी लक्ष्मीबाई हॉस्पिटल के करीब पहुंचा। इसी बीच सामने से बृजेश अपनी स्कॉर्पियो से साथियों समेत वहां आ पहुंचा। उसने राजेश को रोक लिया। इस पर उन दोनों के बीच कहासुनी होने लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इसी कहासुनी के बीच बृजेश ने राजेश को धक्का दे दिया। धक्का लगते ही राजेश भड़क उठा और उसने कमर में लगी अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर निकालकर बृजेश पर तान दिया। बताया जाता है कि राजेश ने एक फायर भी किया। पर, गोली बृजेश के बगल से गुजर गई। इसी बीच बृजेश ने स्कॉर्पियो में रखी अपनी रायफल निकाल ली और राजेश पर एक गोली दाग दीं। गोली राजेश के पेट में लगी और वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। सरेराह गोली चलने से वहां अफरातफरी मच गई।

राहगीरों ने दबोचा, किया पुलिस के सुपुर्द

राजेश के जमीन पर गिरते ही बृजेश और उसके साथियों के होश उड़ गए। हमलावरों ने लहूलुहान राजेश को उठाकर स्कार्पियो में लिटाया और वहां से जाने लगे। पर, इसी बीच वहां मौजूद राहगीर एकजुट हो गए और उन्होंने बृजेश को दबोच लिया। हालांकि, अजय कुमार पांडेय और ड्राइवर राजेश को लेकर वहां से भाग निकले। इसी बीच जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने बृजेश को अरेस्ट करते हुए स्कॉर्पियो का पीछा किया और टाटा मिल के करीब अजय कुमार पांडेय को भी दबोच लिया। पुलिस ने राजेश को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया। जहां शाम करीब 4.30 बजे इलाज के दौरान राजेश ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

आलमबाग थाने में खुली थी हिस्ट्रीशीट

एसपी वेस्ट सर्वेश मिश्रा ने बताया कि राजेश सिंह दबंग प्रवृत्ति का था। पहले वह गढ़ी कनौरा में रहता था। उसके खिलाफ हत्या, जानलेवा हमले, लूट व मारपीट के कई मुकदमे आलमबाग कोतवाली में दर्ज थे। उसके मुकदमों के इजाफे को देखते हुए आलमबाग कोतवाली में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। बाद में राजेश पारा के शीतलापुरम में अपने मकान में शिफ्ट हो गया था। जिसके बाद उसकी हिस्ट्रीशीट पारा थाने में ट्रांसफर हो गई थी।