-मडि़यांव के सीतापुर रोड योजना में घर में मिला नग्न शव

-मकान में बाहर से बंद था ताला

-दुर्गध उठने पर पड़ोसियों ने पुलिस को दी सूचना

-सूदखोर से तंग था मृतक, गला घोंटकर हत्या की आशंका

LUCKNOW: मडि़यांव के सीतापुर रोड योजना में अज्ञात बदमाशों ने एक साइकिल व्यवसायी की घर में घुसकर हत्या कर दी और मकान में बाहर से ताला बंद कर फरार हो गए। बुधवार को दुर्गध उठने पर आसपास के लोगों ने पुलिस से शिकायत की। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस दरवाजे पर लगा ताला तोड़कर भीतर पहुंची तो वहां बाथरूम गेट पर व्यवसायी का नग्न शव औंधे मुंह पड़ा हुआ था। कई दिन पुरान शव होने की वजह से भीषण दुर्गध उठ रही थी। पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेजा। मौके पर पहुंचे मृतक के साले ने एक सूदखोर पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने इंक्वायरी शुरू कर दी है।

दुर्गध उठने पर शक हुआ

डालीगंज स्थित बब्बू वाली गली के मूल निवासी राज किशोर अरोड़ा (40) ने पांच साल पहले मडि़यांव के सीतापुर रोड योजना में मकान लिया था। वह इस मकान में वाइफ अर्चना के साथ रहते थे। राज ने ताड़ीखाना स्थित मॉडल शॉप के करीब राज साइकिल्स नाम से साइकिल शॉप खोल रखी थी। राज के पड़ोस में रहने वाले सुशील गुप्ता ने बताया कि बीते पांच दिनों से राज के मकान में ताला बंद था। मंगलवार शाम से ही गली में दुर्गध उठ रही थी। उसने बताया कि शुरुआत में उन लोगों ने सोचा कि कहीं कोई जानवर मर गया, ये उसी की दुर्गध है। पर, बुधवार को यह दुर्गध असहनीय हो गई। जांच करने पर पता चला यह दुर्गध राज के तालाबंद मकान से आ रही है। पड़ोसी सलीम ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़ा और मकान में दाखिल हुई।

बाथरूम में पड़ा था शव

पुलिस के भीतर दाखिल होते ही सामने गैलरी में मृतक की टांगे दिखाई पड़ीं। पुलिस ने भीतर जाकर देखा तो राज नग्न हालत में औंधे मुंह पड़ा हुआ था। उसका धड़ बाथरूम में था जबकि, टांगे गैलरी में निकली हुई थीं। करीब पांच दिन पुराना होने की वजह से शव फूलकर काला पड़ चुका था और कई जगह खाल फट चुकी थी। इतना ही नहीं, वहां पर दुर्गध इतनी ज्यादा थी कि पुलिसकर्मियों का मकान के भीतर रुकना दूभर पड़ रहा था। आखिरकार पुलिसकर्मियों ने रूम फ्रेशनर की आधा दर्जन बॉटल मंगाकर पूरे घर में स्प्रे किया। जिसके बाद शव का पंचनामा किया जा सका।

कर्ज में डूबा हुआ था राज

पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन के जरिए उसके साले डालीगंज के बब्बू वाली गली निवासी अमित श्रीवास्तव को घटना की सूचना दी। जानकारी मिलने पर पहुंचे अमित ने पुलिस को बताया कि 8 दिसंबर 2011 को उसने अपनी बहन अर्चना की शादी राज के साथ की थी। उसने बताया कि राज ने पांच साल पहले बैंक से लोन कराकर यह मकान खरीदा था। इसके अलावा राजेंद्र नगर, नाका निवासी केके यादव से उसने सूद पर 6.50 लाख रुपये कर्ज लेकर साइकिल की दुकान खोली थी। पर, मोटे ब्याज की अदायगी और बैंक की किश्त जमा करने से उसका धंधा चौपट हो गया।

सूदखोर डाल रहा था दबाव

अमित ने पुलिस को बताया कि सूदखोर केके यादव ने मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूल लिया था। पर, वह अब भी राज से रकम अदा करने के लिये दबाव बना रहा था। वह अपने एक वकील साथी के साथ उसके यहां आता था और उसके संग गालीगलौज करता था। बीते फरवरी में केके यादव ने दबाव डालकर राज से उसके मकान का अपने नाम रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा लिया था। अब वह मकान की रजिस्ट्री के लिये राज पर दबाव बना रहा था। पति की यह हालत देख अर्चना डिप्रेशन में रहने लगी थी और बीती 13 सितंबर को अपने मायके चली आई थी। जहां से अर्चना गाजियाबाद में रहने वाली बड़ी बहन के यहां चली गई थी।

एसएसपी से की थी शिकायत

अमित ने बताया कि मृतक राज किशोर अरोड़ा ने रक्षाबंधन से तीन दिन पहले एसएसपी राजेश कुमार पांडेय से मिलकर सूदखोर केके यादव की शिकायत की थी। मामले की जांच चौकी इंचार्ज राम राम बैंक जगदीश पांडेय को मिली। उन्होंने रक्षाबंधन के दो दिन बाद दोनों पक्षों को चौकी पर बुलाया। इस दौरान चौकी इंचार्ज ने केके यादव को चेतावनी दी थी कि अगर वह आगे कभी राज को धमकी देगा या फिर उसके घर आकर तगादा करेगा तो वह उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। अमित ने आरोप लगाया कि केके यादव ने ही उसके बहनोई राज अरोड़ा को मौत के घाट उतारा है। खबर लिखे जाने तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली थी।