रिक्की से था मनीष का विवाद

दरअसल मनीष का विवाद दानापुर के ही एक दबंग रिक्की से था। वह रंगदारी मांगता था, लेकिन इसी मामले को सलटाने के लिए मनीष अपने दोस्तों को लेकर गया था। इसी दौरान गोली चली थी। इसमें रिक्की और भोला इंजर्ड हो गए थे। इस कांड में मनीष सहित उसके दोस्त फंस गए।

केस से बच निकला मनीष

इस केस में मनीष के दादा अशोक मालवीय ने मदद की और वह आराम से बच निकला। उसे जेल नहीं जाना पड़ा, जबकि जीतन शर्मा और शशिकांत कुमार उर्फ टमाटर को जेल जाना पड़ा। दोनों मुबारकपुर के ही रहने वाले हैं। जीतन 13 और शशि कांत को 6 माह तक जेल में रहना पड़ा। गिरफ्तार जीतन और शशिकांत ने पुलिस के सामने कबूल किया कि 2008 में हुए इस कांड में उन लोगों को सजा होना तय था। इसी कारण रिक्की से समझौते के लिए पैसे की जरूरत थी। मनीष के दादा से कई बार बात हुई, मगर वे बात टाल रहे थे, जबकि मनीष ने ही गोली चलाई थी और वे लोग गलती से फंस गए थे।

रेत दिया था गला

जीतन और शशिकांत के अलावा दो और लोग अशोक मालवीय के घर गए। आराम से चाय पी और काफी देर तक बात की। उसके बाद उनकी गर्दन दबाकर बेहोश कर दिया और बाद में गला रेतकर हत्या कर दी। इस संबंध में शाहपुर थाने में 94/12 कांड संख्या दर्ज की गई थी।

'शाहपुर डबल मर्डर केस का खुलासा कर लिया गया है। इस कांड में शामिल दो लोगों की अरेस्टिंग हुई है। जीतन शर्मा के घर से मृतक अशोक मालवीय का मोबाइल, जबकि एक अन्य एक्यूज शशिकांत के घर से हत्या में यूज किया गया धारदार दाब को बरामद कर लिया गया है.'

अमृत राज

सीनियर एसपी, पटना