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मोबाइल पर फोन आने पर निकले थे घर से, कॉलर के डिटेल से खुलेगा राज

बेहद करीब से मारी गई थी गोली, हत्यारा बेहद करीबी होने का अंदेशा

ALLAHABAD: कोई राजदार था या फिर बेहद करीबी जिसने नगर निगम के कांट्रैक्टर पंकज पोरवाल को मौत के घाट उतारा। परिस्थितियां इसी ओर इशारा करती हैं। लेकिन, वह था कौन और किस दबाव में पंकज उसके साथ चले गए? यह गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। इसे ट्रैक करने के लिए पुलिस के पास फिलहाल सर्विलांस सहारा है। पुलिस पंकज के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट निकलवाकर कॉलर के सहारे हत्यारे तक पहुंचने की कोशिश में है। कई लोगों से पूछताछ हो भी चुकी है लेकिन, 24 घंटे बाद तक पुलिस के हाथ न हत्यारे का कोई सुराग है और न ही कारण का पता है कि हत्या क्यों की गई।

इस एरिया में कोई आता-जाता नहीं

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को स्पॉट की पड़ताल की। पता चला कि हत्या चौफटका से करीब पांच सौ मीटर अंदर हत्या की गई। यह मेन रोड नहीं है और न ही यहां सामान्य तौर पर कोई आता जाता है। इस एरिया में धुप अंधेरा रहता है। इसके बाद भी संजय यहां पहुंचे तो तय है कि कोई न कोई बेहद करीबी उनके साथ था। परिवार के लोगों ने पुलिस को पूछताछ में जो बताया उसके मुताबिक शाम चार बजे के करीब वह अपने बड़े बेटे को स्कूल से लेकर घर पहुंचे थे। पत्‍‌नी को चाय बनाने के लिए कहा लेकिन चाय पी नहीं सके। एक कॉल रिसीव करते हुए वह घर से बाहर निकल गए। यानी कुछ तो ऐसा था जो परिवार वालों से ज्यादा महत्वपूर्ण था पंकज के लिए।

कोई नशा नहीं करते थे पंकज

घरवालों के अनुसार पंकज कोई नशा नहीं करते थे। यानी सुनसान एरिया में जाने के पीछे नशा करने जैसा कोई एलीमेंट नहीं था। आम तौर पर वह साढ़े आठ बजे तक घर पहुंच जाते थे। गुरुवार को वह इस वक्त तक नहीं पहुंचे तभी पत्‍‌नी से फोन लगाना शुरू कर दिया। पोरवाल का मोबाइल उनकी बॉडी के पास ही पड़ा था। उन्हें गोली कुछ इस तरह से मारी गई थी कि वह सिर के पिछले से लगकर आंखों के पास से निकल गई थी। यानी गोली पीछे से मारी गई। इससे घटना के वक्त स्पॉट पर एक से अधिक लोगों की मौजूदगी संभव है। उसका मकसद ही पवन की हत्या था। क्यों? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पुलिस ने अंतिम आठ दस कॉल्स को खंगालना शुरू कर दिया। फोन करने वालों को संपर्क कर कैंट थाने बुलाया गया। सभी से शुक्रवार देर रात तक पूछताछ चलती रही।

ठेकेदारी से जुड़े विवाद की सूचना नहीं

सूत्रों के अनुसार नगर निगम की तरफ से शहर में दो टॉयलेट का निर्माण कराया जाना है। इसका ठेका पंकज को मिला था। इसे लेकर प्रतिद्वन्दिता एंकल की पड़ताल के लिए इंस्पेक्टर कैंट रमेश ंिसंह रावत ने पंकज की पत्‍‌नी अल्का, भाई अंजुल और मां शारदा से पूछताछ की। परिजनों ने बताया कि पंकज का किसी से कोई विवाद आज तक नही हुआ। किसी से मारपीट तक नहीं हुई थी। यह जरूर बताया कि उसने कुछ लोगों से उधार पैसा लिया था।

सवालों के घेरे में पंकज हत्याकांड

अनजान रास्ते पर किसके बुलावे पर गए थे पंकज पुरवार?

रात के अंधेरे में और कौन था उनके साथ?

पीछे से सटाकर गोली मारी गई मतलब कोई बेहद करीबी तो नहीं था?

नगर निगम टेंडर से जुड़ा कोई विवाद तो नही बन गया मौत का कारण?

किसके फोन पर घर से बिना कुछ बताए निकल गए थे पंकज?

उधार के मामले मे तो कोई नही बन गया पंकज की जान का दुश्मन?

तीन भाइयों में बड़े थे पंकज

गुरुवार की रात मौत के घाट उतार दिए गए पंकज पोरवार पुत्र राजेन्द्र नाथ गुप्ता तीन भाइयों में बड़े थे। बीच का शशांक पोरवाल नोएडा में इंजीनियर और छोटा भाई अंजू पोरवाल बिशप जानसन स्कूल में टीचर है। दोनो बहनों कामिनी और पारुल की शादी हो चुकी है। कामिनी फिरोजाबाद और पारुल गोरखपुर में ब्याही गई है। पारुल टीचर है। पंकज के दो बेटे अक्षत और छोटू हैं। अक्षत महर्षि पतंजलि में क्लास छठीं का छात्र है। उसे ही छोड़ने गुरुवार की शाम पंकज बाइक से घर पहुंचे थे। इसके बाद वह घर से निकले तो बॉडी घर पहुंची।

पापा अब स्कूल कैसे जाएंगे हम

शुक्रवार को पंकज पोरवाल की बाडी पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंची तो मोहल्ले के लोग जुट गए। रोना-पीटना मच गया। पत्‍‌नी अलका और मां शारदा का रो रोकर बुरा हाल था। दोनों बदहवास स्थित में थी। इसी में बेटे ने यह करते हुए रोना शुरू कर दिया कि पापा अब हमें स्कूल कौन ले जाएगा? तो मोहल्ले के लोगों की आखें भी नम हो उठीं।

सीडीआर रिपोर्ट निकलवाई जा रही है। मृतक के मोबाइल पर आई कॉल्स को ट्रेस किया जा रहा है। फोन करने वालों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। परिवार वालों का बयान लिया गया है। हत्यारे जल्द गिरफ्त में होंगे।

-रमेश सिंह रावत,

कैंट इंस्पेक्टर