मरे 1936 के बाद पहले ब्रितानी टेनिस खिलाड़ी हैं जो विंबलडन का फाइनल मुकाबला जीत सकते हैं. उस साल फ्रेड पेरी ने विंबलडन की पुरूष एकल की ट्रॉफी उठाई थी.

उसके दो साल बाद बनी ऑस्टिन ने विंबलडन फाइनल खेला था लेकिन वो हार गए थे. 74 साल बाद अब एंडी मरे के कंधों पर ब्रिटेन की उम्मीदों का भार है.

लेकिन ये राह आसान नहीं होगी क्योंकि उनके सामने हैं छह बार विंबलडन जीत चुके रोजर फेडरर.

इस मैच को करीब दो करोड़ लोग टीवी पर देखेंगे और तीस हज़ार रुपए से अधिक खर्च कर पाने वाले लोग विंबलडन के सेंटर कोर्ट में बैठ कर इतिहास बनने की उम्मीद रखेंगे.

एंडी मरे भी जानते हैं कि ये चुनौती बड़ी मुश्किल होने वाली है, “रविवार को मुझे जितना समर्थन मिल सकता उतना अच्छा क्योंकि रोजर के खिलाफ जीतना एक बड़ी चुनौती है. उम्मीद है सारे दर्शक मेरे साथ होंगे. पिछले कुछ मैचों के कठिन लम्हों में दर्शकों ने मेरा साथ दिया है और अब मुझे इस समर्थन की रविवार को भी ज़रुरत पड़ेगी.”

शुभकामनाओं का तांता

फाइनल में पहुंचने के बाद से ही एंडी मरे के लिए ब्रिटेन की नामी-गिरामी हस्तियों समेत कई लोग शुभकामना संदेश भेज रहे हैं.

प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने संदेश में कहा है, “ ये एक अच्छी खबर है कि 70 से भी अधिक सालों बाद कोई ब्रितानी खिलाड़ी फ़ाइनल में है. ये और ख़ास बात है क्योंकि ऐसा उस वर्ष हो रहा है जब हमारे यहां ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है और सारी दुनिया का ध्यान हम पर है. ”

एंडी मरे स्कॉटिश मूल के हैं और प्रधानमंत्री ने कहा है कि रविवार को उनके कार्यालय पर ब्रितानी ध्वज के अलावा स्कॉटिश झंडा भी फहराया जाएगा.

स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री अलेक्स साल्मंड ने भी कहा है कि वो मैच देखने जाएंगे और सारा स्कॉटलैंड एंडी मरे के पीछे खड़ा रहेगा.

कैमरन और साल्मंड के अलावा रॉयल बॉक्स में कई बड़ी हस्तियों के मौजूद रहने की उम्मीद है लेकिन महारानी एलिजाबेथ अपने पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम की वजह से व्यस्त रहेंगी.

मिस्टर टेनिस

लेकिन रोजर फेडरर के रूप में मरे का सामना एक जुझारु और टेनिस इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक से होगा.

फेडरर पिछले कुछ सालों में एंडी मरे और ब्रितानी प्रशंसकों को उनसे उम्मीदों पर कई बार चुटकी भी ले चुके हैं.

लेकिन इस मैच से पहले उन्होंने अपने सहज अंदाज में कहा, “समय के साथ मरे का खेल बेहतर होता जाएगा. मैं हमेशा कहता हूं कि टूर्नामेंट जिस भी देश में हो, मैं वहां के लोकल हीरो के साथ खेलना पसंद करता हूं. मैं भी दर्शकों से थोड़े-बहुत समर्थन की उम्मीद रखता हूं लेकिन इस समय ये सबसे ज़रुरी बात नहीं है.”

मरे और फेडरर ने आपस में अबतक 15 मैच खेले हैं जिनमें आठ मरे ने और सात फेडरर ने जीते हैं. लेकिन साल 2008 के यूएस फाइनल और साल 2010 के ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में जीत फेडरर की ही हुई थी.

चुनौती चाहे जितनी भी मुश्किल क्यों ना हो मरे को कई दिग्गजों की ओर से प्रोत्साहन मिल रहा है. इस वर्ष दूसरे ही राउंड में हारने वाले और साल 2008 और 2010 के चैंपियन रफाएल नडाल ने कहा है कि मरे के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि होगी.

'एक राष्ट्र के सपनों और उम्मीदों का बोझ'

तीन बार विंबलडन विजेता रहे जॉन मैकेनरो ने कहा, “मरे अपने करियर के चरम पर हैं. वो अपना बेहतरीन खेल खेल रहे हैं. बस उन्हें अपनी गलतियों से कुछ सीख लेनी होगी. ”

लेकिन एक शख़्स जिसकी इस मैच में दिलचस्पी महज मरे के फाइनल में होने की वजह से ही नहीं है वो हैं पीट साम्प्रास.

रोजर फेडरर सात बार विंबलडन के सेंटर कोर्ट में ट्रॉफी उठाने वाले साम्प्रास के रिकॉर्ड की बराबरी करने का प्रयास करेंगे.

साम्प्रास कहते हैं, “एंडी के पास अवसर है लेकिन वो एक देश की उम्मीदों और सपनों का भार ढो रहे हैं. रोजर को जीतना चाहिए लेकिन अगर एंडी अच्छी सर्विस करते हैं तो कुछ भी हो सकता है. अगर वो फेडरर के खिलाफ जरा भी सुस्त दिखे तो हार जाएंगे. उन्हें आक्रामक टेनिस खेलनी होगी क्योंकि फेडरर के विरुद्ध आप इस बात की उम्मीद नहीं रख सकते कि वो कोई गलती करेंगें और आपको उसका फायदा होगा. ”

हार-जीत का फैसला तो आज शाम को होगा लेकिन उनके प्रशंसक मैच खत्म होने तक तो इतिहास रचने के लिए मिले अवसर का आनंद लेना चाहेंगे.

जहां तक फेडरर का सवाल है तो वे रविवार को सिर्फ़ एंडी मरे के खिलाफ ही नहीं बल्कि सेंटर कोर्ट पर मौजूद अधिकतर लोगों के विरुद्ध खेल रहे होंगे.