- पेसू की लापरवाही से म्यूजियम में रखे सामान हो रहे हैं खराब

- 16 में से 9 गैलरी में रहनी चाहिए 12 घंटे एसी ऑन

- जून महीने में बिजली कट ने म्यूजियम के लिए खड़ी की प्रॉब्लम

PATNA : अब तक पटनाइट्स के पसीने छुड़ा चुके बिजली विभाग अब म्यूजियम और उसमें रखे सामानों से पसीने निकलाने में लगा हुआ है। पिछले एक महीने में म्यूजियम में लाइट की किल्लत की वजह से उसमें रखे बेशकीमती सामान और पेटिंग खराब होने लगे हैं। इसकी भनक जैसे ही म्यूजियम एडमिनिस्ट्रेशन को लगी कि फौरन पेसू को एक लेटर लिखा, लेकिन ग्यारह दिन पहले लिखे लेटर को देखना तो दूर अब तक किसी भी तरह से पेसू की ओर से बिजली का कोई अरेंजमेंट नहीं किया गया है। इस वजह से म्यूजियम के 9 गैलरी पर संकट छाया हुआ है, क्योंकि इस गैलरी का टेंपरेचर अगर वेरिएशन करता है तो उसमें रखे सामान दिन व दिन नष्ट होने शुरू हो जाते हैं। म्यूजियम एडमिनिस्ट्रेशन ने इस तमाम नष्ट हो रही चीजों के लिए पेसू को ही जवाबदेह माना है, क्योंकि जून महीने में बिजली की कटिंग काफी हुई है। म्यूजियम की बिजली तीन से चार घंटे कटती रही है। इस वजह से 9 एसी गैलरी में रखे सामान टेंपरेचर को मेनटेन नहीं कर पा रहे है। और वो खराब होता जा रहा है।

तो प्रॉब्लम कम आएगी

म्यूजियम एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने लेटर में लिखा है कि यहां की बिजली न काटी जाएं, अगर फिर भी जरूरत होती है तो काटने से पहले इसकी सूचना दे, ताकि पहले ही जेनरेटर चलाकर एसी चेंज को मेनटेन किया जा सकें। चूंकि बिजली कटने के बाद जेनरेटर चलाया जाता है। ओर उसके बाद फिर से एसी में वेरिएशन लाया जाता है। इस वजह से परेशानी काफी हो रही है। विश्वस्त सोर्सेज की माने तो बिजली कटिंग की प्राब्लम को झेल रहे म्यूजियम के नौ गैलरी में रखे थनका पेटिंग गैलरी, डेनियल पेटिंग गैलरी, नेचुरल गैलरी और बुद्धा कलश गैलरी में रखे सामान की हालत खराब हो चुकी है।

पांडुलिपि की हालत हो रही खराब

बिजली की आंख मिचौनी और वोल्टेज अप एंड डाउन की वजह से म्यूजियम के अपने रिसर्च वर्क और ट्रीटमेंट प्लान की हालत भी खराब है। यहां पर ट्रीट हो रहे मूर्ति सिक्के की हालत भी खराब हो रही है, क्योंकि ट्रीटमेंट के बाद इसे भी फूल एसी में रखा जाता है। इसके अलावा म्यूजियम के पीछे चल रहे पांडुलिपि के ट्रीटमेंट के बाद उसे एक फ्रिज में डाला जाता है, ताकि उसमें रहे केमिकल का असर कम हो, बिजली कटिंग की वजह से उस एसी पर भी असर पड़ने लगा है। बिहार म्यूजियम के डायरेक्टर उमेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि म्यूजियम में रखे सामानों को संरक्षित करने के लिए उसके टेंपरेचर का मेनटेन होना जरुरी है। साथ ही अन्य जगहों की तरह यहां के म्यूजियम को भी सेंट्रली एसी करना होगा। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

म्यूजियम का बंद रहता है खिड़की

लाइट जाने के बाद भी म्यूजियम का खिड़की नहीं खोला जाता है। म्यूजियम एडमिनिस्ट्रेशन मानती है कि सिक्योरिटी के लिहाज से खिड़की को बंद ही रखा जाता है। एक बार चोरी की बड़ी वारदात होने के बाद से खिड़की नहीं खोला जाता है।

नेचुरल गैलरी के जानवरों पर खतरा

लाइट अप एंड डाउन का असर नेचुरल गैलरी पर अधिक दिख रहा है। इसमें रखे जानवरों के हड्डी और स्कीन पर इसका सीधा असर दिखने लगा है। जानकारी हो कि म्यूजियम में इन करते ही दाएं ओर नेचुरल गैलरी है। जिसमें कई पुराने जानवर, कीट पतंग का अवशेष रखा हुआ है।

म्यूजियम में रखे सामानों को संरक्षित करने के लिए उसके टेंपरेचर का मेनटेन होना जरुरी है। यहीं नहीं अन्य स्टेट के म्यूजियम में रखे सामानों को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम में सेंट्रली एसी लगाया गया है। पटना म्यूजियम में भी इस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि कोल्ड चेन से ही चीजें सुरक्षित रह सकती है।

उमेश चंद्र द्विवेदी, डायरेक्टर

बिहार म्यूजियम