-शहर से गांव तक रही पुलिस और पीएसी की मौजूदगी

-ग्रामीण क्षेत्र में चलता रहा कयास बाजी का दौर

-जवानों ने कैंप्टी से यमुना पुल तक चप्पा-चप्पा खंगाला

MUSSOORIE: सप्ताह अंत में सैलानियों से गुलजार मसूरी में सैटरडे को दिनभर पुलिस और पीएसी की कदमताल गूंजती रही। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के बाहरी क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं आसपास के इलाकों में एकाएक पुलिस की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत जारी रही।

गोली मारने के बाद फरार हुआ जवान

फ्राइडे शाम को सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र लाल को गोली से उड़ाने के आरोपी फरार आईटीबीपी जवान चंद्रशेखर की तलाश में पुलिस और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की संयुक्त कांबिंग शुक्रवार देर रात करीब एक बजे रोक दी गई थी। चार घंटे बाद शनिवार सुबह एक बार फिर दोनों बलों के जवान आसपास के इलाकों में फैल गए। लगातार हो रही बारिश के बीच भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी से ग्रामीण चौंक गए।

जंगलों में की गई कांबिंग

मसूरी के निकट खनाल्टी गांव, कैम्पटीफॉल क्षेत्र और संतुरा देवी मंदिर का इलाका, सिया गांव और दुधली में चर्चाओं का बाजार गरम रहा। लोग अपने-अपने अंदाज में फरार जवान के बारे में कयास लगाते रहे। इस दौरान कैंपटी के आसपास मौजूद कुछ ग्रामीणों ने तलाश में जुटे जवानों को बताया कि अखबार में छपे फोटो से मिलते जुलते एक व्यक्ति को सुबह इलाके में देखा गया है। इस पर जवानों ने कैंप्टी से यमुना पुल तक का चप्पा-चप्पा खंगाल डाला

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अख्तर हुसैन मैक्स अस्पताल में भर्ती

गोली लगने से एसआई सुरेन्द्र लाल की मसूरी स्थित कम्यूनिटी अस्पताल मे मौत हो गई थी, जबकि कांस्टेबल अख्तर हुसैन की हालत मैक्स अस्पताल में भर्ती है, जिसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना के सूचना पर हिमाचल निवासी एसआई सुरेन्द्र लाल के परिजन सैटरडे को मसूरी पहुंचे। जहां पोस्टमार्टम के बाद आईटीबीपी जवानों ने सलामी देने के बाद शव को परिजनों को हवाले किया।

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आरोपी चंद्रशेखर की तलाश में कांबिग जारी है। बारिश के बावजूद सैटरडे को भी पुलिस और आईटीबीपी ने संयुक्त रुप से मसूरी के जंगलों में कांबिंग की, लेकिन कहीं भी चंद्रशेकर का पता न चला। मामले में हिमाचल पुलिस को भी सूचित किया गया है। क्योंकि चंद्रशेखर हिमाचल का रहने वाला है।

-अजय सिंह, एसपी सिटी