RANCHI मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में म्यूटेशन से जुड़े मामलों के निष्पादन लिए समय सीमा निर्धारित कर दी थी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्पष्ट कहा कि 90 दिनों में म्यूटेशन के जुड़े मामलों का यदि निष्पादन न हुआ तो विभागीय पदाधिकारी नपेंगे। सीएम भाजपा विधायक राज सिन्हा द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्वीकारा कि म्यूटेशन को लेकर राज्य में समस्या है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में राइट टू सर्विस एक्ट प्रभावी है और इसके तहत समय सीमा में कार्य का निष्पादन किया जाना है। कानून सबके लिए है और इसका पालन करना ही होगा। मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी विश्वास दिलाया कि आईटी सरकार की प्राथमिकता है। सात-आठ माह में भूमि दस्तावेजों का ऑनलाइन निष्पादन होगा। राज सिन्हा ने म्यूटेशन को लेकर भूमि एवं राजस्व विभाग में व्याप्त विसंगति का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि बगैर मोटी रकम के म्यूटेशन नहीं होता। सवाल के जवाब में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री अमर बाउरी ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की लेकिन मंत्री के जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं हुए। सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने भी विभाग पर सवाल को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया।

विधायक जानकी यादव ने डीवीसी के बांझेडीह पॉवर प्लांट से विस्थापित हुए लोगों से जुड़ा मामला उठाया। कांग्रेस के मनोज यादव ने भी कहा कि डीवीसी प्रबंधन मनमानी कर रहा है। विधायकों द्वारा उठाए गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार डीवीसी प्रबंधन को बुलाकर उनसे वार्ता करेगी। झामुमो के दीपक बिरुवा ने चाईबासा खासमहल की भूमि के लीज नवीकरण का मामला उठाया। पूछा कि अंग्रेजों के जमाने के कानून में सरकार संशोधन का इरादा रखती है या नहीं। जवाब में विभागीय मंत्री अमर बाउरी ने अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।