- सरकार ने डीएम से मांगी रिपोर्ट

- प्रमुख सचिव न्याय ने की पुष्टि

LUCKNOW : राज्य सरकार मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के मामले में राजनीतिक विद्वेष के चलते दर्ज 131 मुकदमों को खत्म करने की तैयारी में है। ऐसे मामलों में पैरवी के लिये न्याय विभाग ने 131 मुकदमों के बारे में डीएम से रिपोर्ट मांगी है, ताकि न्यायालय में उन्हें खत्म कराने की प्रकिया शुरू कराई जा सके। गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में शासन ने विभिन्न कोर्ट में 107, 109 सीआरपीसी के तहत पेंडिंग 20 हजार मामले खत्म कराए जाने की प्रकिया भी शुरू की थी।

सीएम से मुलाकात कर की थी मांग

पांच साल पहले 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के मामले में 503 मुकदमे दर्ज कराए गए थे, जिनमें करीब 1455 आरोपित नामजद हैं। बताया गया कि गत माह केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा विधायक उमेश मलिक समेत अन्य लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में करीब 150 मुकदमे राजनीतिक विद्वेष के तहत दर्ज कराए जाने का हवाला देकर उन्हें खत्म कराए जाने की मांग की थी। इन मुकदमों में दंगा भड़काने, हिंसा फैलाने, हत्या, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें हत्या के 13 व जानलेवा हमले के 11 मुकदमे शामिल हैं। न्याय विभाग ने 131 मुकदमों में मुजफ्फरनगर व शामली के जिलाधिकारियों से उनकी आख्या मांगी है। ताकि कोर्ट में उन्हें खत्म कराने की पैरवी की जा सके।

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मांगी गई है आख्या

प्रमुख सचिव, न्याय उमेश कुमार का कहना है कि राज्य सरकार कोई मुकदमा वापस नहीं ले सकती। यह निर्णय न्यायालय का होता है। कुछ मुकदमों में मुजफ्फरनगर व शामली डीएम से आख्या मांगी गई है, जिसके आधार पर आगे की प्रकिया की जाएगी।

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पैरवी करेगी सरकार

कानून मंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि अगर मुकदमे राजनीतिक विद्वेष के तहत दर्ज कराए गए हैं, तो उन्हें समाप्त कराने के लिए राज्य सरकार पैरवी करेगी। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं मुकदमों को खत्म कराने की प्रकिया की जाएगी, जो राजनीतिक कारणों से दर्ज कराए गए थे। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार को प्रार्थनापत्र दिए हैं।