- स्कूल मैनेजमेंट ने फोन पर दी थी पिता को बेटे पर हमले की जानकारी

LUCKNOW :

सुबह बेटे के स्कूल जाने के बाद मैं काम पर चला गया। 11 बजे के करीब फोन आया कि ऋतिक को स्कूल में चोट लग गई है। उसे हॉस्पिटल ले जा रहे हैं। मुझे हाईकोर्ट से स्कूल पहुंचने में 45 मिनट लग गए। मेरी पत्‍‌नी पहले पहुंच गई थी। जैसे ही मैं स्कूल पहुंचा, स्कूल प्रशासन मुझे और पत्‍‌नी को ट्रॉमा सेंटर ले गया। वहां मैंने अपने घायल बेटे को देखा। इस बारे में काफी देर तक तो हमें कोई जानकारी ही नहीं दी गई। फिर स्कूल प्रशासन ने स्कूल में हुई घटना के बारे में बताया। भगवान का शुक्र है, मेरा बेटा बच गया। यह जानकारी ऋतिक के पिता राजेश कुमार ने ट्रॉमा में मीडिया से बातचीत के दौरान दी।

बेटे ने बताई पूरी घटना

राजेश कुमार ने बताया कि शाम को जब बेटे की हालत कुछ ठीक हुई तो उसने बताया कि स्कूल में एक दीदी उसे टॉयलेट में लेकर गई और उसे वहां बंदकर चली गई। फिर जब वो वापस आई तो उनके हाथ में चाकू था। दीदी ने टॉयलेट का दरवाजा बंद किया और उस पर हमला कर दिया। ऋतिक ने बताया कि दीदी ने स्कर्ट-कोट पहना था और उनके बाल छोटे थे।

बेटे के इलाज पर ध्यान

राजेश कुमार ने बताया कि अभी उनका पूरा ध्यान बेटे के इलाज पर है। क्योंकि मेरा बड़ा बेटा हितेश 12 वर्ष का है और वह बीते तीन माह से स्कूल नहीं जा रहा है। जब भी उससे स्कूल जाने को कहता हूं तो वह कोई न कोई बहाना बना देता है।