दोपहर ठीक 12:15 बजे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में एक पिता की जुबान से निकले ये चंद शब्द और आंखों से टपकते आंसू ने माहौल को गमगीन कर दिया। सभी की जुबान खामोश और आंखें नम थीं। एनआईटी की इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स सेकेंड इयर की स्टूडेंट निमिता कुमारी की संडे की शाम मौत के बाद ट्यूज्डे को बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया। कई घंटों की खामोशी के बाद निमिता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने सुसाइड नहीं किया। उनके इस बात से एक बार फिर एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन के सामने सवाल खड़ा कर दिया है। पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए निमिता की बॉडी को उसके फैमिली मेंबर्स सिमरिया लेकर चले गए।

संडे को 3 बजे निमिता ने मां से की थी बात
मेरी लाडली बेटी कहां चली गई। हमने तो उसे पढऩे भेजा था। वह हमेशा के लिए हमसे दूर चली गई। क्यों चली गई, कहां चली गई! सामने जब 20 साल की बेटी की बॉडी पड़ी हो तो मां की हालत का अंदाजा लगाना शायद किसी के बस की बात नहीं। निमिता की मां पुष्पमाला सुबह पहले टीएमएच गई और फिर बेटी की बॉडी के साथ एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची। फैमिली मेंबर्स और रिलेटिव्स द्वारा लगातार ढांढस बंधाने पर भी पुष्पमाला की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। निमिता के पिता ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि संडे को दोपहर 3 बजे निमिता ने अपनी मां से बात की थी। उसने बताया था कि वह कॉलेज में ऑर्गेनाइज हो रहे प्रोग्राम को काफी इंज्वॉय कर रही है। निमिता की मां भी बार-बार बेटी से हुई बातचीत के बारे में बोल रही थी।

मेरी बहन सुसाइड नहीं कर सकती
संडे को हॉस्टल के कमरे में निमिता की बॉडी मिलने के बाद ट्यूज्डे को उसके दोनों बड़े भाई नितीश और सुमित के सिटी पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम किया गया। निमिता के भाई और इसरो में इंजीनियर सुमित निमिता के हॉस्टल गए और उसके कमरे की बारीकी से जांच की। उसके रूम मेट से बात की। हॉस्टल से लगभग 3 बजे एमजीएम मेडिकल कॉलेज वापस आने के बाद सुमित ने कहा कि उनकी बहन बहुत ही खुशमिजाज थी।
सुमित का कहना था कि वह अक्सर अपनी बहन से बात करता था। घर पर भी मिलता था, लेकिन उन्हें कभी भी निमिता के डिप्रेशन में होने और किसी दूसरी तरह के प्रॉब्लम में होने की कभी जानकारी नहीं मिली। सुमित ने आरआईटी थाने में एफआईआर करते हुए लिखा है कि उनकी बहन की मौत की प्रॉपर जांच होनी चाहिए।

22 जनवरी को सेलिब्रेट किया था बर्थडे
निमिता के भाई नितीश और सुमित ने निमिता की रूमेट स्वाति और दूसरी लडक़ी से बात कर यह जाना कि 22 जनवरी को निमिता ने बर्थडे कैसे सेलिब्रेट किया था और उसमें कौन-कौन शामिल हुए। निमिता के भाई और रिलेटिव्स का कहना था कि निमिता बचपन से ही इंटेलिजेंट थी। उसका इंजीनियरिंग कोर्स के दौरान भी रिजल्ट काफी अच्छा रहा था और वह अपने बैच की टॉपर थी। सुमित ने कहा कि उसका किसी लडक़े के साथ अफेयर भी नहीं था। ट्यूज्डे को काफी संख्या में    एनआईटी के स्टूडेंट्स भी एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे।

पूरी फैमिली में अकेली बेटी थी निमिता
कुलपति लाल दास कुल चार भाई हैं। चारों भाई की फैमिली में निमिता एक मात्र बेटी थी। निकिता के बड़े पापा और सिटी के टायो कॉलोनी में रहने वाले एलपी दास ने निमिता को याद करते हुए कहा कि वह सभी की लाडली थी। निमिता तीन भाई बहनों में सबसे छोटी थी। उन्होंने कहा कि वह जनवरी में हजारीबाग गए थे और पूरी फैमिली से मिले थे। कुलपति लाल दास हजारीबाग में फॉरेस्टर हैं।

डायरेक्टर आए मिले और बिना कुछ बोले चल दिए
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जमशेदपुर के डायरेक्टर रामबाबू कोदाली दोपहर लगभग 1 बजे एमजीएम मेडिकल कॉलेज आए और निमिता की बॉडी के पोस्टमार्टम के बाद उसके पिता से मिले, थोड़ी देर वहां रूके और चल दिए। एनआईटी में हर साल स्टूडेंट्स की मौत पर वे कुछ भी नहीं बोले। बाद में एनआईटी के स्पोक्सपर्सन प्रो मलय नीरज ने बताया कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन निमिता के फैमिली मेंबर्स का पूरा साथ दे रहा है। उन्होंने कहा कि डायरेक्टर बाद में मीडिया से बात करेंगे।

अरे देखो-देखो लास्ट इयर भी तो इसी तरह आइस रखे थे ना
एनआईटी में स्टूडेंट्स की मौत वहां के फैकल्टी मेंबर्स और स्टाफ के लिए मानो आम बात हो। ट्यूज्डे को निमिता की बॉडी का पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी को बॉक्स में रखकर उसके ऊपर आइस डाला जा रहा था तभी वहां खड़े एनआईटी के फैकल्टी मेंबर्स और स्टाफ कह उठे कि उन्होंने लास्ट इयर भी वे इसी तरह स्टूडेंट की बॉडी पर आइस रखा था। स्टूडेंट की बॉडी का पोस्टमार्टम और उसकी बॉडी पर आइस रखना एनआईटी में एक रूटीन वर्क की तरह है। इसकी वजह है कि पिछले कई साल से यहां स्टूडेंट्स की मौत होती आ रही है। एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन हर मौत को सुसाइड और स्टूडेंट्स के गार्जियन उसे मौत कहते रहे हैं।

12 मेंबर्स की टीम कर रही जांच
एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने निमिता की मौत की जांच के लिए 12 मेंबर्स की एक कमिटी बनाई है। एसबीएल सक्सेना इस टीम के हेड हैं और कॉलेज के सभी डीन के अलावा स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी इसमें शामिल हैं। कमिटी को एक वीक के अंदर रिपोर्ट सब्मिट करने को कहा गया है। निमिता के पोस्टमार्टम की जिम्मेवारी मेडिकल बोर्ड को दी गई है। इसमें तीन डॉक्टर्स की टीम है जिसके हेड ललन चौधरी को बनाया गया है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एन मिश्रा ने कहा कि एक वीक के अंदर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाएगी।

कॉल डिटेल निकाली जा रही है, लैपटॉप बाहर भेजा जाएगा
निमिता का लैपटॉप और मोबाइल पुलिस ने सीज कर लिया था। आरआईटी थाना इंचार्ज आरपी सिन्हा ने बताया कि निमिता के मोबाइल से कॉल डिटेल निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि लैपटॉप के सारे डिटेल निकालने के लिए बाहर भेजा जाएगा, क्योंकि यहां उसकी व्यवस्था नहीं है।
आरपी सिन्हा ने कहा कि निमिता के भाईयों ने उन्हें रिटेन में उसकी मौत की अच्छी तरह से जांच करने को कहा है।

मेरी बेटी ने सुसाइड नहीं किया है। हम सारे फैक्ट्स इकट्ठा कर रहे हैं। निमिता ने संडे को दोपहर में मां से बात की थी। वह आम दिनों की तरह खुश थी।
- कुलपति लाल दास, निमिता के पिता

मेरी बहन खुद एक काउंसलर थी। वह हमेशा खुश रहती थी। किसी से उसका कभी झगड़ा नहीं हुआ। किसी से उसका अफेयर भी नहीं था। ऐसे में वह सुसाइड कैसे कर सकती है। - सुमित,  निमिता के भाई

निमिता की मौत पर हम सभी दुखी हैं। हमें भी समझ में नहीं आ रहा कि ये कैसे हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ क्लियर हो पाएगा और उसकी मौत का कारण पता चल पाएगा. - प्रो मलय नीरज, स्पोक्सपर्सन एनआईटी

Reported by: amit.choudhary@inext.co.in