Allahabad: ऐसे समय में जब गुरु-शिष्य परंपरा पर गंभीर विचार-विमर्श का दौर चल रहा है। आई नेक्स्ट ने टीचर्स डे से ठीक पहले सिटी में गुरु-शिष्य के परस्पर संबंध को उभारने के लिए एक नई पहल की। आई नेक्स्ट ने सिटी के चुनिंदा स्कूलों में ट्यूजडे से स्टूडेंट्स के बीच उनके फेवरेट टीचर्स की खोज के लिए कैम्पेन छेड़ दिया है। कैम्पेन केफस्र्ट डे जिस तरह का जोश व उत्साह स्टूडेंट्स के हुजूम ने दिखाया, वह चौकाने वाला रहा। स्टूडेंट्स ने दिखला दिया कि प्रयाग की माटी अपनी रवायत को जिंदा रखना भूली नहीं है। आई नेक्स्ट की इस पहल की हर किसी ने तहेदिल से सराहना की.
Unique style में हुई खोज
प्रोग्राम का कान्सेप्ट स्टूडेंट के बीच फेवरेट टीचर की खोज पर बेस्ड था। यह खोज भी बिल्कुल यूनिक स्टाइल में पूरी की गई। स्टूडेंट्स के बीच फेवरेट टीचर को सेलेक्ट करने के लिए वोटिंग करवाई गई। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में स्टूडेंट्स को एक स्लीप दी गई थी। जिसपर हर एक स्टूडेंट को अपने फेवरेट टीचर का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डालना था.
चूकना नहीं चाहते थे
स्टूडेंट्स के बीच इस प्रोग्राम का रोमांच इसी बात से समझा जा सकता है कि आई नेक्स्ट की टीम जिस भी स्कूल में गई। वहां उत्साह से भरे गल्र्स और ब्वायज में कोई भी वोटिंग में पार्टिसिपेट करने से चूकना नहीं चाहता था। स्टूडेंट्स के जोश को कंट्रोल करने में टीचर्स को भी अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी.
वही होंगे favourite
प्रोग्राम को लेकर स्टूडेंट्स में जितना रोमांच रहा। उतना ही टीचर्स में भी कसमसाहट रही। दूर खड़े टीचर्स मन ही मन खुद के फेवरेट होने का आकलन करते नजर आए। हालांकि पूछने पर उन्होंने हल्की मुस्कान के साथ दूसरों का नाम लेकर कहा, वही होंगे फेवरेट।
वाली मैम भी तो अच्छी हैं
तुम किसको वोट दोगेफलां सर कोअरे नहीं-नहीं वाली मैम बहुत अच्छी हैंनहीं वाली मैम भी तो बहुत अच्छी हैंमैं तो उन्हें ही वोट दूंगी! फेवरेट टीचर की खोज में स्टूडेंट्स ने टीचर्स को हर कसौटी पर तौला। स्टूडेंट्स की रस्साकशी ने साफ कर दिया कि काम्पिटीशन आसान नहीं होने जा रहा।
इन स्कूल में हुई voting
टैगोर पब्लिक स्कूल
गुरुकुल मान्टेसरी स्कूल
गंगा गुरुकुलम
कुल पाटिसिपेंट्स-तकरीबन 2800
स्टूडेंट्स-क्लास छह से बारहवीं तक
इन स्कूल में आज होगी 1शह्लद्बठ्ठद्द
जीडी मेमोरियल स्कूल
रानी रेवती देवी इंटर कालेज
Unique style में हुई खोज
प्रोग्राम का कान्सेप्ट स्टूडेंट के बीच फेवरेट टीचर की खोज पर बेस्ड था। यह खोज भी बिल्कुल यूनिक स्टाइल में पूरी की गई। स्टूडेंट्स के बीच फेवरेट टीचर को सेलेक्ट करने के लिए वोटिंग करवाई गई। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में स्टूडेंट्स को एक स्लीप दी गई थी। जिसपर हर एक स्टूडेंट को अपने फेवरेट टीचर का नाम लिखकर बैलेट बॉक्स में डालना था.
चूकना नहीं चाहते थे
स्टूडेंट्स के बीच इस प्रोग्राम का रोमांच इसी बात से समझा जा सकता है कि आई नेक्स्ट की टीम जिस भी स्कूल में गई। वहां उत्साह से भरे गल्र्स और ब्वायज में कोई भी वोटिंग में पार्टिसिपेट करने से चूकना नहीं चाहता था। स्टूडेंट्स के जोश को कंट्रोल करने में टीचर्स को भी अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी।
वही होंगे favourite
प्रोग्राम को लेकर स्टूडेंट्स में जितना रोमांच रहा। उतना ही टीचर्स में भी कसमसाहट रही। दूर खड़े टीचर्स मन ही मन खुद के फेवरेट होने का आकलन करते नजर आए। हालांकि पूछने पर उन्होंने हल्की मुस्कान के साथ दूसरों का नाम लेकर कहा, वही होंगे फेवरेट।
वाली मैम भी तो अच्छी हैं
तुम किसको वोट दोगेफलां सर कोअरे नहीं-नहीं वाली मैम बहुत अच्छी हैंनहीं वाली मैम भी तो बहुत अच्छी हैंमैं तो उन्हें ही वोट दूंगी! फेवरेट टीचर की खोज में स्टूडेंट्स ने टीचर्स को हर कसौटी पर तौला। स्टूडेंट्स की रस्साकशी ने साफ कर दिया कि काम्पिटीशन आसान नहीं होने जा रहा।
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