ऐसी है जानकारी
यहां एक अमेरिकन भालू है। इसका नाम है बलू। अफ्रीकन शेर है, जिसका नाम है लियो और बंगाली टाइगर है, जिसका नाम है शेर खान। इन जानवरों को एनिमल शेल्टर ने बचाया। बता दें कि इन तीनों को पुलिस ने 2001 में एक ड्रग्स रेड के दौरान अटलांटा होम के बेसमेंट में पाया था।
ऐसी हालत में आए थे ये
यहां इनमें से लियो को एक पिंजड़े में कैद रखा गया था, जो उसके लिए काफी छोटा था। सिर्फ यही नहीं, उसकी नाक पर लगे एक घाव में इंफेक्शन भी होने लगा था। इसके अलावा इन तीनों में सबसे ज्यादा बुरी हालत में बलू भालू था। उसका मांस कुछ अजीबो-गरीब ढंग से बढ़ रहा था। ऐसा इसलिए था क्योंकि उसको पैदा होने के बाद से कभी छोड़ा ही नहीं गया। अजीब तह के धब्बे उसकी त्वचा पर बढ़ने लगे थे। उसको देखकर साफ ये लग रहा था कि अब उसके घाव को सही करने के लिए चिकित्सकीय सहायता की बहुत ज्यादा जरूरत थी।
अलग होकर तड़प उठते हैं तीनों
ये तीनों जानवर पूरी तरह से कुपोषित थे और आंतरिक और बाह्य परजीवी थे। हां, अब तक में सिर्फ एक समय ऐसा आया जब इन तीनों को अलग किया गया और वो तब था तब बलू के चोटों को सही करने के लिए उसको सर्जरी के लिए ले जाया जाने लगा। उस समय सिर्फ जरा सी देर के लिए अलग होने पर तीनों की तड़प देखने लायक थी।
उसके बाद कभी नहीं हुए अलग
उसके बाद जब वे मिले, फिर वे कभी एकदूसरे से अलग नहीं हुए। तीनों अब तक बेहद खुशहाल तरीके से साथ में रहते हैं। यहां बताना जरूरी होगा कि नोहा का आर्क एनिमल शेल्टर ऐसे चोटिल जानवरों को अपने यहां लाकर उनका इलाज कराता है और उसके बाद फिर उन्हें स्वतंत्र रूप से जंगल में छोड़ देता है।
ऐसा कहते हैं क्यूरेटर
इसी में अब नाम शामिल हो गया है इन तीनों का भी। ये यहां साथ में खेलते हैं, खाते हैं, सोते हैं और ढेर सारे मजे करते हैं। नोह के क्यूरेटर, एलीसन हेजकोथ कहते हैं कि जानवरों को यहां लाकर उन्हें आराम दिया जाता है। ऐसे में जोड़ों में लाए गए चोटिल जानवरों का इलाज करके पहले उसे सही किया जाता है, फिर जंगल में खेलने के लिए छोड़ दिया जाता है।
Courtesy by Mail Online
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