इंग्लैंड से लेकर दिल्ली तक फैला है cyber criminal का जाल

Allahabad: साइबर क्रिमिनल्स का जाल ग्लोबल है। आनलाइन फ्राड करने वालों का नेटवर्क इंग्लैंड से लेकर अमेरिका तक फैला हुआ है। शहर में साइबर फ्राड के शिकार हुए रिटायर्ड नेवी कर्मचारी को साइबर क्रिमिनल्स आज भी पैसे के लिए काल कर रहे हैं। शायद उन्हें पता नहीं है कि यहां उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. 

इंग्लैंड और दिल्ली का नंबर
जॉब के नाम पर ठगी के शिकार हुई रिटायर्ड नेवी कर्मचारी शहजादे की बेटी के पास आज भी काल आ रहा है। दो लाख रुपए का नुकसान उठा चुके शहजादे अब एलर्ट हो चुके हैं। उनके मोबाइल पर सैटरडे को इंग्लैंड से कंपनी का एचआर मैनेजर बताने वाले ने +448719961144 से काल किया। यह नंबर इंग्लैंड का है। इसी तरह दिल्ली में बैठे कंपनी के मेम्बर्स दिल्ली का लोकल नंबर 8377858353 इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स हर तरह से शहजादे को मोटिवेट करने में लगे हैं कि इस बार फाइनल पैसा जमा करा दें। इसके बाद उनकी बेटी को सीधे जॉब मिल जाएगी. 

हर जगह बैंक एकाउंट 
पुलिस का तो पता नहीं लेकिन खुद शहजादे ने जब इंक्वायरी शुरू की तो पता चला कि साइबर क्रिमिनल्स ने पूरे भारत में अपनी सेटिंग कर रखी है। अरेंजमेंट कुछ ऐसे किया है कि यूपी पुलिस जब तक एक्टिव होगी वे एलर्ट हो कर खुद को सेफ कर लेंगे। यूके की कंपनी के एचआर मैनेजर बताने वाले रिचर्ड ने शहजादे को चार बैंकों का एकाउंट पैसे जमा करने के लिए दिया था, जो मणिपुर और पुणे में स्थित हैं। जैसे ही इन एकाउंट में पैसा जमा किया गया, दिल्ली एनसीआर से रुपए निकाल लिए गए. 

लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन 
बैंक एकाउंट की डिटेल खंगालने से पता चला कि एक बैंक एकाउंट मणिपुर में मिस्टर रोनन के नाम है। इसका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। इस एकाउंट से हाल ही में 42995, 92766, 142956, 212627 और 233712 रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसी तरह दूसरे एकाउंट से सवा दो लाख और पौने तीन लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। एक अन्य बैंक एकाउंट पुणे का है जो विनसेंट के नाम से है. 

साइबर क्राइम के नाम पर चुप्पी
करीब एक हफ्ते तक पुलिस ऑफिसर के चक्कर लगाने के बाद एसपी क्राइम ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। आदेश के तीन दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लोकल पुलिस ने कहा है कि मामले की तफ्तीश साइबर सेल लखनऊ को सौंप दी जाएगी। जबकि अगर पुलिस अभी एक्टिव हो जाए तो बड़ी आसानी से साइबर क्रिमिनल्स  पकड़े जा सकते हैं। क्योंकि, एक आरोपी तो दिल्ली में बैठकर ही लोकल नंबर से काल कर रहा है जबकि दूसरा मास्टर माइंड इंग्लैंड में बैठा है. 

Flash back
नेवी से रिटायर्ड शहजादे शहर के रानी मंडी एरिया में रहते हैं। उनकी बेटी एमबीए की छात्रा है। एक दिन उनके मेल पर फॉरेन की कंपनी लैंड माक्र्स कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से जॉब के लिए मेल आया था। बिना सोचे समझे छात्रा ने रिप्लाई कर दिया। जॉब दिलाने के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया और कभी इंश्योरेंस तो कभी बीजा दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। अब इस मामले में अतरसुइया पुलिस स्टेशन में साइबर फ्राड का मामला दर्ज हुआ है. 

For your information
-जॉब के लिए आनलाइन रजिस्टर्ड कर रखा है और उस पर कोई रिप्लाई आई है तो आंख बंद करके रिस्पांस न करें.
-जॉब ऑफर करने वाली कंपनी की ऑफिशियल साइट पर जाकर डिटेल पता कर लें कि वहां वेकेंसी है भी या नहीं.
-मेल पर दी जाने वाली इंफॉरमेशन शेयर करते समय बेहद एलर्ट रहें और अपनी आईडी के साथ पासवर्ड किसी भी कीमत पर किसी से शेयर न करें.
-मेल पर रिस्पांस के बाद कोई कॉल आने पर पहले उसे चेक कराएं.
-टेक्निक डेवलप होने के चलते यह संभव है कि इंडिया में ही बैठा कोई व्यक्ति कॉल करे और आपके सेल पर किसी फॉरेन कंट्री का नंबर डिस्प्ले हो.
-जॉब की किसी रिक्वॉयरमेंट को पूरा करने के लिए पैसे की डिमांड हो रही है तो बिल्कुल रिस्पांस न करें.
-यह एहतियात बाहर से आने वाली कॉल पर जरूर बरतें.
-बीजा दिलाने के मामले में एंबेसी से सम्पर्क करके पता कर सकते हैं.
-पासपोर्ट की डिटेल आनलाइन किसी से शेयर न करें.
-पैसा जमा करने के लिए कोई एकाउंट नंबर दिया गया है तो संबंधित बैंक से सम्पर्क करके उसकी हकीकत जान लें. 
-खुद ऐसा नहीं कर पाते हैं तो पुलिस की मदद लें ताकि फ्राड का शिकार होने से बचें.

इंग्लैंड और दिल्ली का नंबर

जॉब के नाम पर ठगी के शिकार हुई रिटायर्ड नेवी कर्मचारी शहजादे की बेटी के पास आज भी काल आ रहा है। दो लाख रुपए का नुकसान उठा चुके शहजादे अब एलर्ट हो चुके हैं। उनके मोबाइल पर सैटरडे को इंग्लैंड से कंपनी का एचआर मैनेजर बताने वाले ने +448719961144 से काल किया। यह नंबर इंग्लैंड का है। इसी तरह दिल्ली में बैठे कंपनी के मेम्बर्स दिल्ली का लोकल नंबर 8377858353 इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स हर तरह से शहजादे को मोटिवेट करने में लगे हैं कि इस बार फाइनल पैसा जमा करा दें। इसके बाद उनकी बेटी को सीधे जॉब मिल जाएगी. 

हर जगह बैंक एकाउंट 

पुलिस का तो पता नहीं लेकिन खुद शहजादे ने जब इंक्वायरी शुरू की तो पता चला कि साइबर क्रिमिनल्स ने पूरे भारत में अपनी सेटिंग कर रखी है। अरेंजमेंट कुछ ऐसे किया है कि यूपी पुलिस जब तक एक्टिव होगी वे एलर्ट हो कर खुद को सेफ कर लेंगे। यूके की कंपनी के एचआर मैनेजर बताने वाले रिचर्ड ने शहजादे को चार बैंकों का एकाउंट पैसे जमा करने के लिए दिया था, जो मणिपुर और पुणे में स्थित हैं। जैसे ही इन एकाउंट में पैसा जमा किया गया, दिल्ली एनसीआर से रुपए निकाल लिए गए. 

लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन 

बैंक एकाउंट की डिटेल खंगालने से पता चला कि एक बैंक एकाउंट मणिपुर में मिस्टर रोनन के नाम है। इसका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। इस एकाउंट से हाल ही में 42995, 92766, 142956, 212627 और 233712 रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। इसी तरह दूसरे एकाउंट से सवा दो लाख और पौने तीन लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। एक अन्य बैंक एकाउंट पुणे का है जो विनसेंट के नाम से है. 

साइबर क्राइम के नाम पर चुप्पी

करीब एक हफ्ते तक पुलिस ऑफिसर के चक्कर लगाने के बाद एसपी क्राइम ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। आदेश के तीन दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लोकल पुलिस ने कहा है कि मामले की तफ्तीश साइबर सेल लखनऊ को सौंप दी जाएगी। जबकि अगर पुलिस अभी एक्टिव हो जाए तो बड़ी आसानी से साइबर क्रिमिनल्स  पकड़े जा सकते हैं। क्योंकि, एक आरोपी तो दिल्ली में बैठकर ही लोकल नंबर से काल कर रहा है जबकि दूसरा मास्टर माइंड इंग्लैंड में बैठा है. 

Flash back

नेवी से रिटायर्ड शहजादे शहर के रानी मंडी एरिया में रहते हैं। उनकी बेटी एमबीए की छात्रा है। एक दिन उनके मेल पर फॉरेन की कंपनी लैंड माक्र्स कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से जॉब के लिए मेल आया था। बिना सोचे समझे छात्रा ने रिप्लाई कर दिया। जॉब दिलाने के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स ने उन्हें अपने झांसे में ले लिया और कभी इंश्योरेंस तो कभी बीजा दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। अब इस मामले में अतरसुइया पुलिस स्टेशन में साइबर फ्राड का मामला दर्ज हुआ है. 

For your information

-जॉब के लिए आनलाइन रजिस्टर्ड कर रखा है और उस पर कोई रिप्लाई आई है तो आंख बंद करके रिस्पांस न करें।

-जॉब ऑफर करने वाली कंपनी की ऑफिशियल साइट पर जाकर डिटेल पता कर लें कि वहां वेकेंसी है भी या नहीं।

-मेल पर दी जाने वाली इंफॉरमेशन शेयर करते समय बेहद एलर्ट रहें और अपनी आईडी के साथ पासवर्ड किसी भी कीमत पर किसी से शेयर न करें।

-मेल पर रिस्पांस के बाद कोई कॉल आने पर पहले उसे चेक कराएं।

-टेक्निक डेवलप होने के चलते यह संभव है कि इंडिया में ही बैठा कोई व्यक्ति कॉल करे और आपके सेल पर किसी फॉरेन कंट्री का नंबर डिस्प्ले हो।

-जॉब की किसी रिक्वॉयरमेंट को पूरा करने के लिए पैसे की डिमांड हो रही है तो बिल्कुल रिस्पांस न करें।

-यह एहतियात बाहर से आने वाली कॉल पर जरूर बरतें।

-बीजा दिलाने के मामले में एंबेसी से सम्पर्क करके पता कर सकते हैं।

-पासपोर्ट की डिटेल आनलाइन किसी से शेयर न करें।

-पैसा जमा करने के लिए कोई एकाउंट नंबर दिया गया है तो संबंधित बैंक से सम्पर्क करके उसकी हकीकत जान लें. 

-खुद ऐसा नहीं कर पाते हैं तो पुलिस की मदद लें ताकि फ्राड का शिकार होने से बचें।