पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने जाहिर किया शक

सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का रिकॉर्ड इसलिए सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, क्योंकि वह मौजूद ही नहीं है। हो सकता है कि वे गुम हो गए हों, उसे चूहे कुतर गए हों या फिर वे बिखर गए हों। देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने गुरुवार को यह आशंका जाहिर की है। उन्होंने यह आशंका सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू की लिखी किताब ‘आरटीआइ यूज एंड अब्यूज’ के विमोचन के मौके पर सरकार की ओर से रिकॉर्ड को खराब तरीके से रखने को लेकर अपनी बात रखते हुए जाहिर की। आचार्युलू की पुस्तक ‘आरटीआइ यूज एंड अब्यूज’ आयोग में उनके पहले वर्ष के अनुभव पर आधारित है। इस दौरान उन्होंने करीब 3,200 आदेश जारी किए।

हैं ही नहीं असली दस्तावेज

हबीबुल्ला ने सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी गए थे, नेताजी के कुछ रिश्तेदारों ने उनसे मुलाकात की थी। उनके रिश्तेदारों ने प्रधानमंत्री से नेताजी की मौत या जीवित रहने और इस बारे में रिकॉर्ड के सिलसिले में बात की थी कि उस विमान दुर्घटना में क्या हुआ था।’ उन्होंने कहा, ‘किस कारण से दस्तावेजों का खुलासा नहीं किया इसे लेकर तरह तरह की दलीलें दी जा रही हैं, क्योंकि दस्तावेज हैं ही नहीं। संभव है उन्हें चूहे कुतर गए हैं, गुम हो गए हैं या वे बिखर गए हों। भारत सरकार के दस्तावेज इसी तरह से रखे जा रहे हैं।’

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk