सुशीला से थे संबंध

आरोपी युवक मनोज ने अपना असली नाम देवेश कुमार बताया। इंस्पेक्टर रंजीत सिंह यादव के अनुसार आरोपी का नाम जो सुशीला ने बताया था वो फर्जी था, जिसके चलते उन्हें आरोपी तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि आरोपी युवक ने पकड़े जाने के डर से अपना सिम कार्ड तोड़ दिया था लेकिन सर्विलांस से मिली कॉल डिटेल और युवक के हुलिए से उन्हें ये कामयाबी हाथ लगी। पुलिस कस्टडी में आरोपी देवेश ने बताया कि उसके सुशीला और पड़ोस में रहने वाली एक अन्य महिला से संबंध थे।

सुशीला ने मिलवाया था लड़की से

देवेश के मुताबिक सुशीला ने ही उसे लड़की से मिलवाया था। उसने मेरठ के चौधरी चरन सिंह यूनीवर्सिटी से एमए, बीएड किया है। सुशीला की बेटी संध्या गाजियाबाद के एक कॉलेज से बीए कर रही है। उसी के मार्फत उसकी मुलाकात सुशीला से हुई थी। वो पंडिताई का काम जानता है इसलिए सुशीला ने उसे घटना से कुछ दिनों पहले अपने घर पर बुलाकर शांति यज्ञ करने को कहा था। यही नहीं दोनों रात भर साथ ही रहे. 

क्या था वाकया?

सुभाषनगर निवासी 13 वर्षीय अनीता (काल्पनिक नाम) क्लास 6 की स्टूडेंट है। अनीता और बालाजी मंदिर के पीछे रहने वाली सुमन(काल्पनिक नाम) के साथ एक ही क्लास में पढ़ती है। 28 मई की दोपहर सुमन का भाई, अनीता को अपने साथ अपने घर ले गया। अनीता 29 मई को अपने घर लौटी और उसने अपने साथ रेप किए जाने की जानकारी दी। उसने बताया कि सुमन उसे अपनी सर्वोदय निवासी बुआ सुशीला के घर ले गई। वहां से बुआ उसे एक चार मंजिला मकान में बदायूं निवासी मनोज उर्फ देवेश कुमार के हवाले कर दिया। जहां उसने तमंचे और चाकू के बल पर अनीता के साथ रेप किया था। रेप के बाद उसे चौपुला पुल के पास बदहवास छोड़ दिया। बेटी के साथ हुई घटना से नाराज परिजनों ने 29 मई की शाम को सुभाषनगर थाने में कंप्लेन की। पुलिस ने अनीता का मेडिकल करवाकर मामला दर्ज कर लिया। 30 मई को पुलिस ने सुशीला को अरेस्ट कर लिया और मामले में उससे पूछताछ कर रही थी।