वार्ड नंबर 54 कतुआपुरा में लगे दो ट्यूबवेल से पानी की कम है परेशानी, लेकिन सड़कें हैं खस्ताहाल
वॉर्ड कतुआपुरा
नंबर- 54
कुल आबादी- 18 हजार
कुल वोटर्स- 11 हजार
मोहल्ले वॉर्ड में- हरतीरथ, कतुआपुरा, कुतुबन शहीद, अनार की बाग, मलिन बस्ती, विशेश्वरगंज मंडी, दलहट्टा आदि।
पार्षद- विजय यादव, ग्रेजुएट
वॉर्ड नंबर 54 कतुआपुरा में पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी विशेश्वरगंज है। इसके अलावा आस-पास के आधा दर्जन से ज्यादा मोहल्ले भी इसी वॉर्ड समाये हुए हैं। करोड़ों के टर्न ओवर के कारण मंडी और आस-पास के इलाके की डेवलपमेंट अच्छी होती है। सड़कों से लेकर गलियों और दूसरी मूलभूत सुविधाओं की भी परेशानी दूसरे वॉर्डो से कम है। पीने के पानी के लिए हाल में लगे दो ट्यूबवेल लोगों की प्यास बहुत हद तक बुझाने में कामयाब रहे। लेकिन पूरा वॉर्ड प्रशासनिक उदासीनता और बगैर प्लांड वे में काम के न होने के चलते बदहाली झेलने पर मजबूर है। सड़कों की मरम्मत हो या गलियों के चौकों की रिसेटिंग पांच साल में कई बार हुई है लेकिन हाल ही में आईपीडीएस के तहत हो रही अंडरग्राउंड वायरिंग ने सारे काम पर पानी फेर दिया है। लंबे वक्त से गलियां और सड़कें इस योजना से बदहाल हैं और प्रशासनिक अधिकारी इसे दुरुस्त करने की सोच भी नहीं रहे हैं।
सीवर
सीवर की प्रॉब्लम दूसरे वार्डो की तरह यहां के लोगों के लिए भी मुसीबत बनी हुई है। आबादी बढ़ने के बाद भी यहां सीवर अब तक पुराने और पतले पाइपलाइन से होकर जाता है। ऊपर से आदमपुर के पास मेन सीवर को जायका ने एक प्रोजेक्ट के तहत बंद किया है। जिसके कारण प्रेशर बढ़ने पर पूरा वॉर्ड सीवर जाम की प्रॉब्लम से त्रस्त हो जाता है।
सड़क
पूर्वाचल की मेन मंडी विशेश्वरगंज होने के कारण यहां बड़े और भारी वाहनों का आना आम है। बावजूद इसके सड़कों का निर्माण उस गुणवत्ता के साथ नहीं होता जिसकी इसे जरुरत है। क्षेत्रीय पार्षद ने पांच साल के दौरान गलियों की मरम्मत तो कराई लेकिन हाल ही में शुरू हुए आईपीडीएस प्रोजेक्ट के चलते गलियों को फिर से खोद दिया गया। जिसके कारण इन दिनों हालात बहुत ही खराब हैं।
गंदगी
गंदगी इस वॉर्ड के लोगों की देन है। मंडी होने के कारण यहां आने वाले लेबर गलियों में शौच और यूरिन करके लोगों की मुसीबत बढ़ाने का काम करते हैं। ऊपर से कूड़े की उठान के बाद क्षेत्रीय लोग कहीं भी कचरा गली में फेंक देते हैं। जिसके कारण गंदगी बढ़ रही है। गलियों में स्थानीय लोगों के घरों की मरम्मत का फेंका गया मलबा भी परेशान करता है।
पानी
क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या दूसरे वॉर्डो के मुकाबले कम है लेकिन अब भी कई ऐसे इलाके हैं जहां पानी प्रॉपर वे में नहीं पहुंचता। कई इलाकों में पीने का गंदा पानी सप्लाई होता है। पांच सालों के दौरान क्षेत्रीय पार्षद ने दो ट्यूबवेल लगवाये हैं। जिससे कुछ राहत मिली है लेकिन अब भी वॉर्ड के कई इलाके प्यासे हैं।
अतिक्रमण और जाम
विशेश्वरगंज मंडी के इस वॉर्ड में होने की वजह से जाम और अतिक्रमण से कई मोहल्ले जकड़े रहते हैं। गलियों के मकानों में लोगों ने अपने कुछ कमरों को गोदाम के लिए दे रखा है। जिसके कारण बड़ी गाडि़यों के आने से जाम लगता है। जबकि दुकानें अपनी हद से बढ़कर नाली के ऊपर लगी हुई हैं। पिछले दिनों अतिक्रमण हटाया भी गया लेकिन फिलहाल वही हाल है।
जो चाहिए यहां
- बिजली के तार जल्द अंडरग्राउंड हों
- आईपीडीएस के तहत खोदी गई सड़कें जल्द ठीक हों
- कूड़ा कचरा समय ये फेंका जाये
- सीवर की समस्या के लिए नई पाइपलाइन पड़े
- अतिक्रमण हटाने का अभियान चले
- सड़कें बेहतर क्वालिटी से बने
वॉर्ड में आईपीडीएस योजना के कारण परेशानी बहुत बढ़ गई है। सड़क और गली खोदकर छोड़ दी गई है। जिसके कारण दिक्कत हो रही है।
संदीप कुमार, कतुआपुरा
इस वॉर्ड में पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी है लेकिन प्रशासन ने कभी इसपर ध्यान नहीं दिया। हाल ही में पार्षद ने कई इलाकों में एलईडी लगवाई है।
बाबू यादव, विशेश्वरगंज
बाजार और गलियों में गंदगी के लिए लोग जिम्मेदार हैं। क्योंकि नए सार्वजनिक शौचालय बनने के बाद भी लोग सड़क को गंदा करते हैं।
शशांक साहू, गुडहट्टा
सीवर की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा है। कई इलाकों में सुबह शाम सीवर ओवरफ्लो रहता है। इस वजह से गंदगी भी बढ़ रही है। इसे ठीक कराना चाहिए।
सदन लाल, हरतीरथ
पार्षद कहिन
पांच साल में आपने वॉर्ड के विकास के लिए क्या किया?
जवाब- बहुत काम हुआ है। बनारस का सबसे बड़ा कूड़ा घर हरतीरथ पर है। पहले यहां खुले में कूड़ा फेंका जाता था। कतुआपुरा और हरतीरथ पर दो ट्यूबवेल लगावाया। पूरे वॉर्ड में एलईडी लाइट लगी हैं, मंडी में हाईमास्ट लगवाये, गलियों के चौकों की रिसेटिंग हुई।
सीवर बड़ी प्रॉब्लम है कैसे दूर होगी?
जवाब- ये समस्या सिर्फ मेरे वॉर्ड में नहीं पूरे बनारस में है। इसको दूर करने के लिए कुछ जगहों पर सीवर की पाइप चेंज कराया है अब भी कुतुबन शहीद के पास काम चल रहा है।
सड़क और गलियों की हालत बहुत खराब है?
जवाब- आपका कहना बिल्कुल सही है लेकिन इसके लिए मैं नहीं आईपीडीएस जिम्मेदार है। मैंने गलियों की मरम्मत करवाई तो इसके बाद यहां केबल अंडरग्राउंड करने के लिए गलियां खोद दी गई जिनको आजतक ठीक नहीं किया गया है।