- एक महीने में नगर निगम बड़े बकायेदारों से वसूल पाया महज 75 लाख रुपये

- अन्य बकायेदारों से वसूला करोड़ों रुपये, जोनल अफसरों पर होगी कार्रवाई

VARANASI

हाउस टैक्स वसूलने में नगर निगम नगर निगम की कार्यशैली दो तरह की है। एक तरफ जहां छोटे बकायेदारों से वसूली करने में सख्ती की जाती है। वहीं बड़े बकायेदारों से वसूली करने में निगम के अफसर फिसड्डी साबित होते हैं। नगर निगम के आंकड़े इसे साबित भी करते हैं। एक महीने में बड़े बकायेदारों से महज 75 लाख रुपये वसूले गए। वहीं इसी अवधि में छोटे बकायेदारों से वसूली 1.76 करोड़ रुपये रही। बड़े बकायेदारों से टारगेट के सापेक्ष महज दस फीसदी बकाये की वसूली हो पाई। वसूली की खराब प्रगति पर चार जोन के जोनल अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।

हो चुकी है जोनल अफसरों पर कार्रवाई

दरअसल, नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल ने 20 अगस्त को शहर के 50 बड़े बकायेदारों की लिस्ट जारी की की थी। बड़े बकायेदारों में इनकम टैक्स, मंडलीय अस्पताल समेत कई सरकारी विभाग, एडेड व नान एडेड स्कूल्स समेत अन्य लोग भी शामिल थे। सभी जोनल अधिकारियों को दस दिन में वसूली का टारगेट दिया गया, लेकिन एक पाई की वसूली नहीं हो पाई। इसपर चार जोनल अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया। जबकि एक जेओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। सितम्बर के पहले हफ्ते से बड़े बकायेदारों से वसूली शुरू हुई।

घरों के टारगेट के हिसाब से वसूली

नगर आयुक्त डॉ। नितिन बंसल ने हाउस टैक्स की वसूली के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। अब टैक्स इंस्पेक्टर, रेवेन्यू इंस्पेक्टर और टैक्स कलेक्टर को डेली पांच-पांच घरों से हाउस टैक्स वसूलने का टारगेट दिया है। वहीं जोनल अफसरों को छूटे हुए घरों को चिन्हित कर कर निर्धारण करना, डेली पांच विवादित मामलों का निपटारा करना, नोटिस ऑफ डिमांड की वसूली करना, लम्बित पत्रावलियों का निस्तारण करना व सरकारी भवनों से टैक्स वसूली की जिम्मेदारी दी गई है।

बकाया ने निगम का टारगेट फंसाया

- 50 बड़े बकायेदारों पर नगर निगम का हाउस टैक्स बकाया

- 8 करोड़ से ज्यादा बकायेदारी है इनपर

- 5 बकायेदारों से महज अब तक हुई वसूली

- 75 लाख रुपये वसूले बड़े बकायेदारों से

- 1.76 करोड़ रुपये अन्य बकायेदारों से वसूले

- 17.48 करोड़ रुपये अप्रैल से अब तक वसूली

बड़े बकायेदारों से टैक्स वसूलने में सख्ती की जा रही है। जरूरत हुई तो आरसी भी जारी की जाएगी। जोनल अधिकारियों की प्रगति ठीक नहीं रही तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की जाएगी।

डा। नितिन बंसल, नगर आयुक्त