- नगर निगम में सड़ रहे दर्जनों नए-पुराने वाहन, अफसरों को फिक्र नहीं
- शहर के तमाम मोहल्लों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन काम पर पड़ रहा असर
VARANASI
नगर निगम परिसर में दर्जनों नए-पुराने वाहन सड़ रहे हैं, लेकिन अफसरों को फिक्र नहीं है। इन वाहनों को चलाने के लिए चालक नहीं हैं। इससे तमाम मोहल्लों में सफाई कार्य डेली प्रभावित हो रहा है। यह स्थिति आउटसोर्सिग पर तैनात होने वाले चालकों की कमी के चलते आई है। निगम के अफसरों का कहना है कि जल्द ही कमी पूरी कर ली जाएगी।
आसमान के नीचे खड़े हैं वाहन
दरअसल, मई महीने में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम ने करीब तीन दर्जन वाहन खरीदे थे। इसमें कॉम्पेक्टर्स, टाटा एस और ट्रैक्टर शामिल हैं। इधर बीच, अगस्त में 15 मोहल्लों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम कर रही ईको पाल एजेंसी का अनुबंध खत्म हो गया। इसके बाद निगम ने एजेंसी को दिए अपने करीब एक दर्जन छोटे-बड़े वाहन वापस ले लिए। तब से इसमें अधिसंख्य वाहन कबाड़ बने हुए हैं।
मैनपॉवर की कमी से बाधा
शहर की सफाई के लिए निगम के पास प्लानिंग और बजट का भले ही कोई अभाव न हो, लेकिन मैनपॉवर की कमी सफाई अभियान में बड़ी बाधा है। जिससे चाहकर निगम शहर को पूरी तरह से गंदगी व कूड़ामुक्त नही कर पा रहा है। निगम के पास सफाई के लिए पर्याप्त वाहन हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए चालक नहीं हैं।
वाहनों का नहीं होता मेंटीनेंस
नगर निगम खड़े वाहनों की सफाई और मेंटीनेंस पर ध्यान नहीं देता। वाहनों को खड़े करने के लिए कवर्ड एरिया भी नहीं है। इससे वाहन जंग खा रहे हैं। कई बार अगर जरूरत पड़ने पर वाहनों को मोहल्लों में भेजना पड़ा तो उसमें स्टार्टिग समेत अन्य टेक्निकल प्रॉब्लम आ जाती है।
एक नजर
- 170 से ज्यादा वाहन हैं निगम में
- 150 चालकों की ड्यूटी लगती है
- 30 वाहन खड़े रहते हैं निगम में
वाहनों की वजह से सफाई कार्य पर खास असर नहीं पड़ रहा है। हालांकि पर्याप्त संख्या में ड्राइवरों की व्यवस्था करने के लिए प्लान तैयार हो रहा है।
एके सिंह, अपर नगर आयुक्त