देहरादून:

बरसात से पहले फॉगिंग व सफाई आदि के लिए टेंडर प्रोसेस को लेकर नगर निगम ने इलेक्शन कमीशन में दस्तक दी है. ये आग्रह किया गया है कि सामान खरीदने व सफाई उपकरणों की खरीद के लिए टेंडरिंग की अनुमति दी जाए. कमीशन ने मामले को जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जांच के लिए भेजा है.

कमिश्नर ने भेजा पत्र

म्यूनिसिपल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय की ओर से चीफ इलेक्शन ऑफिसर को भेजे पत्र में बताया गया है कि शहर के बड़े, मध्यम व अन्य नाले-नालियों को बरसात से पहले अप्रैल में साफ कराना जरूरी होता है. यह काम न होने पर बरसात में जलभराव और आपदा की स्थिति बनी रहती है. इस काम के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू की गई थी, लेकिन इससे पहले आदर्श आचार संहिता लागू हो गई.

निगम के बढ़े दायरे के लिए रिसोर्सेज कम

निगम का दायरा 60 वार्ड से बढ़कर सौ वार्ड और क्षेत्रफल 68 वर्ग किमी से बढ़कर 196 वर्ग किमी हो चुका है. पिछले कुछ वर्षो में डेंगू का प्रभाव अत्यधिक रहा है. पहले की व्यवस्था के अनुसार 60 वार्डो के लिए फॅागिंग व स्प्रे मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन नए 40 वार्ड के लिए मशीनें खरीदी जानी हैं. यह टेंडर भी आचार संहिता के चलते जारी नहीं हो पाया. नए वार्डो में सफाई व्यवस्था सुचारू करने के लिए 300 डस्टबिन, चार कांपेक्टर व्हीकल, चार रोड स्पीविंग मशीनें भी खरीदी जानी हैं. इन सभी कार्यो को लेकर निगम ने आयोग से टेंडर प्रक्रिया करने या अन्य विकल्पों से कार्य कराने की अनुमति मांगी है.

रोड स्वीपिंग मशीन पर सवाल

सूत्रों ने बताया कि आयोग को निगम के रोड स्वीपिंग मशीन खरीदने के आग्रह को लेकर संशय है. पुराने 60 वार्ड के लिए फिलहाल एक भी स्वीपिंग मशीन नहीं है. पांच वर्ष पहले एक स्वीपिंग मशीन खरीदने की कोशिश हुई थी, लेकिन यह ट्रायल में ही फेल हो गई थी. इसके बावजूद निगम लगातार लाखों रुपये की इस मशीन को खरीदने की कोशिश में लगा रहा. हालांकि, बोर्ड की अनुमति नहीं मिलने के कारण अधिकारियों की मंशा पूरी नहीं हो सकी. अब चुनाव में विशेष मंजूरी की आड़ लेकर निगम के अधिकारी एक या दो नहीं बल्कि सीधे चार मशीनें खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.