-एडब्ल्यूपी ने बचे-खुचे वार्डो में भी बंद किया डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन

-नगर निगम के सफाईकर्मी नहीं उठाते हैं घरों का कूड़ा

-उमस में कूड़ा सड़ने से स्थितियां हो सकती हैं भयावह

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: कांट्रैक्ट था शहर के सभी 80 वार्डो में रहने वालों के घरों से कूड़ा कलेक्शन का। हर गली-मोहल्ले में सीटी बजनी शुरू हुई तो पब्लिक ने भी पूरा सहयोग किया और कूड़ा लेकर घरों से बाहर आने लगे। इससे रोड से कूड़ा गायब हो गया। एक बेहतर एहसास लोगों को हुआ। इससे ऑफिसर्स का भी उत्साह बढ़ा और ब्0 वार्डो से शुरू हुआ अभियान फ्0 और वार्डो में शुरू हो गया। लेकिन, बेहतर फील कराने वाला यह अभियान तीन साल भी नहीं टिक पाया। यह अभियान फेल हो चुका है। पेंच फंसा है नगर निगम, एडब्ल्यूपी और शासन के बीच। अब आपके घर का कूड़ा कहां जाएगा? यह देखना आपकी जिम्मेदारी है क्योंकि इसके जिम्मेदार तीनो विभाग एक-दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ने में जुटे हैं।

जगह-जगह पड़ा हुआ है कचरा

इस समय सिटी के किसी भी रोड पर चले जाइए आपको कूड़ा दिख जाएगा। सिविल लाइंस, जानसेनगंज, मुट्ठीगंज, चौक, घंटाघर हो या फिर लीडर रोड हर जगह कूड़े के ढेर पड़े हैं। नगर निगम और एडब्ल्यूपी के बॉक्सेज भरे पड़े हैं। जिस कूड़े को पर डे उठना चाहिए, वो दो-दो तीन-तीन दिन बाद उठ रहा है। जिससे हर रोड पर पब्लिक को गंदगी और बदबू झेलते हुए गुजरना पड़ रहा है। नगर निगम के पास कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यूपी गवर्नमेंट ने कूड़ा उठवाने के लिए एडब्ल्यूपी को लगाया था। दोनों पक्षों में कांट्रैक्ट हुआ। लेकिन, पेमेंट विवाद को लेकर एडब्ल्यूपी ने काम पूरी तरह बंद कर दिया है। नगर निगम के सफाईकर्मी सिर्फ वही कूड़ा उठाते हैं जो झाड़ू लगाने से निकलता है। बाकी से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

फिर क्यों वसूलते हैं हाउस टैक्स

नाले की सिल्ट से पब्लिक पहले से परेशान थी। अब कूड़े के ढेर ने परेशानी और बढ़ा दी है। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है, जिससे पानी में भीगने से कूड़ा सड़ने लगा है। कूड़ा सड़ने से दुर्गध उठने लगी है। इससे बीमारियां फैलने का बड़ा खतरा अलग से पैदा हो गया है। पब्लिक का सवाल यह है कि नगर निगम हाउस टैक्स आखिर वसूलता क्यों है। इसके बाद भी पब्लिक कूड़ा उठाने का पैसा अलग से दे रही थी। फिर यह नौबत क्यों आई। आ भी गई तो हम क्यों झेलें।

घर-घर से कूड़ा उठाने का प्लान तो बेहतर था, लेकिन प्लान सक्सेस नहीं हुआ। अब तो व्यवस्था और गड़बड़ा गई है, एडब्ल्यूपी काम नहीं कर रहा, नगर निगम के पास स्टॉफ कम है। दो-दो, तीन-तीन दिन पर कूड़ा उठ रहा है। सफाई भी बेहतर नहीं हो रही है।

-शिवसेवक सिंह

पार्षद, वार्ड- ख्भ्

बहुत खराब स्थिति हो गई है। पूरा शहर कूड़ा घर बना हुआ है। मेरे वार्ड में बड़ी खराब स्थिति है। तीन-तीन, चार-चार दिन बाद झाड़ू लगता है। कर्मचारी कम हैं, इसलिए दो-तीन दिन बाद दूसरे मोहल्ले का नंबर आता है। नगर निगम और शासन को महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए।

-विजय कुमार

पार्षद, वार्ड- ख्0

एडब्ल्यूपी ने पूरी तरह काम बंद कर दिया है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मेरे वार्ड में तो नगर निगम के कर्मचारी ही जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। ब्भ् की जरूरत है और इस समय फ्भ् कर्मचारी ही काम कर रहे हैं।

-निजामुद्दीन

पार्षद वार्ड- 77

मेरे वार्ड में तो चारों तरफ कूड़ा पड़ा है, जो उठता ही नहीं है। गऊघाट, कल्लू कचौड़ी चौराहा, इसीसी कॉलेज, बलुआ घाट, तिलकपुर के पास कूड़े से भरी टीपी पड़ी हुई है। उसे हटाने कोई नहीं आ रहा।

-सतीश केसरवानी

पार्षद, वार्ड- भ्क्

एडब्ल्यूपी का नगर निगम से यह हुआ था कांट्रैक्ट

-80 वार्डो में करेंगे डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन

-बसवार में कूड़े से खाद बनाई जाएगी

-नगर निगम द्वारा एडब्ल्यूपी को भ्ब्फ् रुपए प्रति मीट्रिक टन पेमेंट का था आदेश

-एडब्ल्यूपी द्वारा तीन टाइम उठाया जाना था कूड़ा

-ब्0 वार्ड से काम किया था शुरू

-फिलहाल फ्0 वार्ड में चल रहा था काम

-अब पूरी तरह से ठप है डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन

मेयर ने बताई मजबूरी

-नगर निगम अपने हाथ में नहीं ले सकता पूरी जिम्मेदारी

-एडब्ल्यूपी को दिए जा चुके हैं कूड़ा हटाने और ले जाने के सारे संसाधन

-शासन स्तर से ही साल्व हो सकता है मामला

- एडब्ल्यूपी को पूरी तरह से हटा दिया जाए तो नगर निगम सफाई की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम होगा

-नगर निगम के हस्तक्षेप पर एडब्ल्यूपी कोर्ट जाने की देता है धमकी

-तौल में गड़बड़ी के लिए मलवा भी भर लेते थे

-लंबा पेमेंट है बकाया, शासन से भी नहीं हो रहा है पेमेंट

नगर निगम से पेमेंट विवाद साल्व न होने से वार्डो से डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन वर्क बंद कर दिया गया है। जोन वन और जोन थ्री के मेजर प्वाइंट्स पर लगे बॉक्सेज से कूड़ा उठाया जा रहा है। अब डोर टु डोर काम होगा तो पूरे 80 वार्डो में अथवा बिल्कुल ठप रहेगा।

ललित विजय

मैनेजर, एडब्ल्यूपी

पेमेंट न होने के कारण एडब्ल्यूपी ने कूड़ा उठाना बंद कर दिया है। निगम ने अपना पूरा संसाधन एडब्ल्यूपी को दे दिया था, इसलिए निगम काम भी नहीं कर सकता। नगर निगम के सफाईकर्मी काम तो कर रहे हैं लेकिन, कर्मचारी कम हैं, इसलिए दिक्कत हो रही है। शहर में जगह-जगह कूड़ा पड़ा है। एडब्ल्यूपी समय से बॉक्सेज से भी कूड़ा नहीं उठा रहा है। शासन-प्रशासन के हस्तक्षेप के बिना मामला साल्व होना मुश्किल है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम इलाहाबाद

हमारी जानकारी में तो एडबल्यूपी कूड़ा उठा रहा है। घर-घर जाकर कूड़ा उठाना कुछ वार्डो में कर रहे थे, उसे बंद किया है। डस्टबिन से कूड़ा उठाने में विलंब हो रहा है। कूड़े उठ नहीं रहे हैं, इसलिए एक-दो दिन में प्रयास करेंगे। जहां-जहां वो छोड़ रहे हैं, उसे हम हटवाएंगे। खराब स्थिति तो हो ही गई है।

-डीपी गिरी

नगर आयुक्त, नगर निगम, इलाहाबाद