यह भी जानें

23 हजार पोल हैं शहर में लगभग

11 फरवरी को अनिका इंटरप्राइजेज के मीडिया एक्जिक्यूटिव ने की थी शिकायत

10 लाख से कम दिखा दिया एलईडी लाइट लगाने का खर्च बिना सर्वे किए

- बिना ई-टेंडरिंग के अपनी चहेती कंपनी को जनवरी में दे दिया टेंडर

- कमिश्नर की जांच में उजागर हुआ खेल, शासन को भेजी रिपोर्ट

बरेली : शहर का विकास कैसा हो गया, जबकि सरकारी महकमा ही उसमें चपत लगाने में जुटा हुआ है. एक पर्सन की शिकायत के आधार पर नगर निगम द्वारा घोटाले का खेल उजागर हुआ है. शहर को एलईडी लाइट से रोशन करने के लिए नगर निगम ने बिना कोई सर्वे करे ही 10 लाख से कम का खर्च दिखा दिया. इसके लिए उसने अपनी चहेती कंपनी को टेंडर भी जारी कर दिया. मामले की शिकायत जब कमिश्नर के पास पहुंची तो जांच में शिकायत सही पाई गई. इसी आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

यह है पूरा मामला

11 फरवरी को अनिका इंटरप्राइजेज के मीडिया एक्जिक्यूटिव संतनाम सिंह ने कमिश्नर रणवीर प्रसाद को शिकायती पत्र देकर बताया था कि निगम ने बिना सर्वे करे ही बंद डिब्बे में पर्ची डालकर अपनी चहेती कंपनी को टेंडर जारी कर दिया, जो कि नियम विरुद्ध है. कमिश्नर ने जांच जब प्राविधिक परीक्षक अजय कौशिक को सौंपी तो निगम द्वारा टेंडर जारी करने पर कई अनियमिताएं मिलीं.

10 लाख से ज्यादा के टेंडर हैं ऑनलाइन

शासन के आदेश के मुताबिक दस लास से ज्यादा के टेंडर ऑनलाइन भरे जाते हैं, जिसमें कई कंपनियां भाग लेती हैं. निगम को डर था कि अगर टेंडर 10 लाख से ज्यादा का हुआ तो किसी दूसरी कंपनी को काम मिल जाएगा. ई-टेंडरिंग से बचने के लिए निगम ने 10 लाख से कम का खर्च दिखा दिया. इसके लिए उसने सर्वे तक करने की जरूरत नहीं समझी. शहर में करीब 23 हजार पोल हैं, जिनमें ज्यादातर में एलईडी लाइट नहीं लगी हैं या तो खराब पड़ी हैं.

चहेती कंपनी को दिलाया काम

सरकारी महकमों में कमीशनबाजी के चक्कर में यह सब खेल किया जाता है. कमीशन के चक्कर ने निगम ने मानकों को ताक पर रखकर अपनी चहेती कंपनी को टेंडर जारी कर दिया. प्राविधिक परीक्षक अजय कौशिक को जांच में कई अनिमिताएं मिली हैं. उन्होंने मामले की रिपोर्ट कमिश्नर को भेज दी है.

वर्जन ---

कमिश्नर कार्यालय से फाइल भेजी गई है. जिन बिंदुओं में अनियमितताएं पार्ई गई हैं, उसकी गहन जांच की जाएगी. जो भी विभागीय अधिकारियों ने यह खेल किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त.

निगम ने शिकायतकर्ता के बिंदुओं के आधार पर जो सूचना दी है, वह त्रुटिपूर्ण है. इसकी रिपोर्ट कमिश्नर को प्रेषित कर दी गई है. अजय काौशिक, प्राविधिक परीक्षक