- घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए न नगर निगम की कोई गाड़ी और एंबुलेंस मिली

- मलवा डालने वाली गाड़ी से पहुंचाया गया अस्पताल

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

नगर निगम के जल कल विभाग की पुरानी जर्जर बिल्डिंग को तोड़ने के दौरान सैटरडे को अचानक मलबा गिर गया। जिसमें बेहटी दजागीर निवासी तीन मजदूर रवि, दीनदयाल और किशन जख्मी रूप से घायल हो गए। आनन फानन में उन्हे जेसीबी से निकाला गया। जिसके बाद निजी अस्पताल में तीनों को भर्ती कराया गया। अस्पताल में एक मजदूर रवि की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हद तो इस बात की है कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए न तो नगर निगम ने कोई गाड़ी दी और न ही कोई एंबुलेंस आई। मजदूरों को मलबा फेंकने वाली गाड़ी से ही अस्पताल में पहुंचाया गया।

बेहोश हो गए

करीब महीने भर पहले नगर निगम की नई बिल्डिंग के शिलान्यास मेयर डॉ। उमेश गौतम ने किया था। जिसके बाद नगर निगम की जलकल विभाग की पुरानी जर्जर बिल्डिंग को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया। इस पूरे काम का टेंडर हाजी नाम के ठेकेदार को सौंपा गया था। घायल मजदूर रवि ने बताया कि वो बिल्डिंग में बनी सीढि़यों को तोड़ रहा था। उसके साथ दो साथी दीनदयाल और किशन भी काम कर रहे थे। नीचे की सीढ़ी तोड़ते समय अचानक से ऊपर की सीढि़यां उन तीनों के ऊपर गिर गई। और वो तीनों उसमें दब गए और बेहोश हो गए।

जेसीबी से निकाला गया।

जैसी ही मलबा तीनों मजदूरों के ऊपर गिरा पूरे नगर निगम में हंगामा कट गया। जिसके बाद वहां काम कर रहे सभी मजदूर वहां पर इकट्ठे हो गए और तीनों साथियों को बचाने में जुट गए। वहां काम कर रही जेसीबी से मलबे को हटाया गया, जिसके बाद उनको निकालकर एक निजी अस्पताल में भर्ती करया गया।

नहीं मिली एंबुलेंस और निगम की गाड़ी

हद तो तब हो गई जब तीनों मजदूरों को बचाने के लिए न तो नगर निगम प्रशासन आगे बढ़ा और न ही कोई एंबुलेंस वहां पर पहुंची। नगर निगम में काम कर रहे मजदूरों ने ही मलबा फेंकने वाली गाड़ी से तीनों मजदूरों को अस्पताल में पहुंचाया।