- सभी कर्मचारियों को पहनाए जाएगें आईडी कार्ड, जिससे हो सके पहचान।

- आईडी कार्ड नहीं पहनने पर लगेगी अबसेंट

BAREILLY:

कर्मचारियों का फर्जीवाड़ा और कामचोरी रोकने के लिए नगर निगम अब अलर्ट हो गया है। सभी कर्मचारियों के लिए अब आईडी कार्ड दिए जाएगें जिससे नगर निगम और बाहर के कर्मचारियों में पहचान हो सके। पार्षदों का अरोप था कि नगर निगम के कर्मचारी प्राइवेट लोगों को पैसे देकर उनसे काम कराया करते थे। जिस पर अब रोक लगाई जाएगी। जो भी कर्मचारी आईडी कार्ड में दिखाई नहीं देगा तो उस दिन वह अवसेंट माना जाएगा।

पार्षदों पर था आरोप

कुछ दिन पहले सफाई कर्मचारियों और पार्षदों के विवाद में कर्मचारी संघ ने पार्षदों पर आरोप लगाए थे कि सभी पार्षद सफाई नायकों से पैसे लेकर उन्हे घर बैठने की इजाजत दे देते है। आईडी कार्ड बंटने से उनके इस आरोप पर भी पानी फिर जाएगा। क्योकि गले में आईडी कार्ड पड़े होने से नगर निगम और प्राइवेट कर्मचारियों की पहचान आसानी से हो जाएगी।

मॉनिटरिंग हो तब हो फायदा

नगर निगम की इस पहल को जहां लोग अच्छा बता रहे है। वहीं पार्षदों का कहना है कि अगर नगर निगम के अधिकारी इस पर सही से मॉनिटरिंग करें तब तो फायदा है। वरना इन आईडी कार्ड का भी कोई फायदा नहीं है। वहीं उन्होंनें कहा कि आईडी कार्ड देने के बाद अफसर कर्मचारियों का औचक निरीक्षण करें तब पता चलेगा कि कौन सा कर्मचारी अपनी जगह सही से काम कर रहा है।

आईडी कार्ड नहीं पहनने पर हो कार्रवाई

वैसे तो आईडी कार्ड का आइडिया काफी अच्छा है। लेकिन नगर निगम में कुछ भी अच्छा होने से पहले ही वो ठप हो जाता है। ऐसा भी कुछ पार्षदों का कहना है उन्होंने कहा कि अगर आईडी कार्ड पहने हुए कोई कर्मचारी नजर नहीं आता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। तभी कुछ हो पाएगा।

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स्वास्थ्य विभाग ही एक ऐसा विभाग है जहां कर्मचारी दूसरों से काम कराते है। आईडी कार्ड देने के बाद अफसर अगर औचक निरीक्षण करें तब पता चलेगा कि कौन काम कर रहा है। मौके पर न मिलने पर संबधित अधिकारी पर कार्रवाई भी करें

शालिनी जौहरी

पार्षद

अगर अफसर कुछ अच्छा करना ही चहाते है तो आईडी कार्ड देने के बाद मॉनिटरिंग होनी चाहिए। वरना ऐसे तो पता ही नहीं चलेगा कि कौन कहां है। और काम कर भी रहा है या नहीं।

छंगामल

पार्षद

नगर निगम का यह कदम अच्छा है। अगर सभी कर्मचारी आईडी कार्ड पहन कर आएंगे तो कम से कम हाजिरी का तो पता चलेगा। कि कौन मौके पर है और किसने हाजिरी दी।

राजेश अग्रवाल

पार्षद

आईडी कार्ड बंटने के बाद अगर कोई भी कर्मचारी नही पहनता है तो वह उस दिन अबसेंट माना जाएगा।

राजेश श्रीवास्तव

नगर आयुक्त