मिनी सदन में पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाया अनदेखी का आरोप

-कहा, फोन तक नहीं उठाते अधिकारी, जन समस्याओं से जुड़े सवालों का भी नहीं देते जवाब

VARANASI

शहर की पब्लिक अपने बीच से चुनकर एक व्यक्ति को अपना जन प्रतिनिधि बनाती है। ये प्रतिनिधि जनता की समस्या को नगर निगम सदन में उठाते हैं लेकिन इनकी आवाज सदन में ही गूंजने के बाद खत्म हो जाती है। क्योंकि नगर निगम प्रशासन किसी भी समस्या को दूर करने का दावा तो करती है लेकिन उससे जुड़ी जानकारी जनता तो दूर उनके चुने गये पार्षदों को भी नहीं देती है। पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी सदन और पार्षदों को बेवकूफ समझते हैं और बनाते हैं। किसी भी काम से जुड़ी जानकारी न देना साफ करता है कि अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

सदन में उठा मुद्दा

अधिकारियों की ओर से जानकारी न देना, पार्षदों का फोन न उठाना जैसे मुद्दे सोमवार को सदन में उठाये गये। पार्षदों में सबसे ज्यादा नाराजगी नगर आयुक्त द्वारा फोन न उठाये जाने को लेकर रही। पार्षदों ने आरोप लगाया गया कि अगर किसी समस्या को लेकर निगम के अधिकारियों को फोन किया जाए तो वह फोन नहीं उठाते हैं। ऐसे में जनता की परेशानी कौन दूर करेगा?

नगर आयुक्त ने दी सफाई

नगर निगम के अधिकारी खुद को क्या समझते हैं? ये समझ नहीं आता है। शहर में कोई भी विकास से जुड़ा काम होता है, उसका पता नहीं चलता है। जब उसकी जानकारी मांगी जाती है तो अधिकारी उसे नहीं देते हैं।

नरसिंह दास, बीजेपी पार्षद

मैंने एक जानकारी एक साल पहले मांगी थी, उसका उत्तर मुझे आज तक नहीं दिया गया। यहीं नहीं कई बार सदन में पूछे गये सवाल के जवाब में भी निगम के अधिकारी निरुत्तर रहते हैं। ये सरासर अधिकारियों की मनमानी है।

गोविंद शर्मा, कांग्रेस पार्षद

पार्षदों को जानकारी न देना अधिकारियों की घोर लापरवाही है। सदन के लगातार न चलने के कारण अधिकारी अपने मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, यहीं कारण है शहर में कोई भी योजना ठीक से नहीं चल पा रही है।

शंकर विशनानी, सपा पार्षद

सदन चलने के दौरान अधिकारियों को हिदायत दी गयी है कि वह पार्षदों की ओर से मांगी गयी जानकारी का जवाब तत्काल दें। इससे साफ होता है कि वह लोकशाही का सम्मान नहीं करते है। अब ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शासन में शिकायत कर कार्रवाई होगी।

मेयर, राम गोपाल मोहले

शहर में जितने भी काम कराये जाएंगे, उनसे जुड़ी जानकारी नगर निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन की जाएगी और पार्षदों को भी लिखित रूप से अवगत कराया जाएगा।

एसपी शाही, नगर आयुक्त