-मंडुआडीह तिराहे से ककरमत्ता फ्लाईओवर तक शाम ढलने के बाद स्ट्रीट लाइट न जलने से अंधेरे में डूबा रहता है इलाका

-सालों से है समस्या, फिर भी नहीं दिया जा रहा ध्यान, नगर निगम के आलोक विभाग ने स्ट्रीट लाइट जलाने से खड़े किए हाथ

VARANASI

प्रदेश सरकार के प्रयास से स्मार्ट सिटी बनारस में 24 घंटे बिजली की सप्लाई की जा रही है, लेकिन शहर की कुछ सड़कें आज भी शाम ढलने के बाद स्ट्रीट लाइट न जलने से अंधेरे में डूबी रहती हैं। कहीं स्ट्रीट लाइट खराब हैं तो कहीं पोल ही नहीं लगे हैं। इसकी वजह से इन सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यहां रात में स्ट्रीट लाइट की प्रॉपर व्यवस्था न होने से राहगीरों को इस दौरान अपने वाहनों की लाइट के सहारे ही चलना पड़ता है। पब्लिक को यह परेशानी मंडुआडीह तिराहे से ककरमत्ता फ्लाइओवर तक रेलवे और नगर निगम के आलोक विभाग की आपसी खींचतान की वजह से फेस करनी पड़ रही है। यहां करीब एक किमी तक ्रशाम होते ही अंधेरा कायम हो जाता है। आलोक विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि इस रोड पर स्ट्रीट लाइट जलाने की जिम्मेदारी रेलवे की है। लिहाजा विभाग यहां का अंधेरा दूर नहीं कर सकता। बिजली विभाग का भी कहना है कि उसकी जिम्मेदारी सिर्फ सप्लाई की है, न कि स्ट्रीट लाइट लगाने की।

अंदर चमक, बाहर अंधेरा

अगर आप मंडुवाडीह स्टेशन से आ रहे हैं तो स्टेशन परिसर को देखकर आप दंग रह जाएंगे। हाई क्लास मॉडल में बना यह स्टेशन अंदर से जितना बेहतरीन दिखता है बाहर से उतना ही डार्क है। शाम ढलते ही रंग बिरंगे फसाड लाइट की चमक बिखेरते इस स्टेशन से बाहर आते ही लोगों का सामना अंधेरे से होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे प्रशासन ने स्टेशन के बाहर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सिर्फ वहां की है जहां उनके कर्मचारी निवास करते हैं। बाकी स्थानों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था न होने से पिछले कई साल से शाम होने के बाद अंधेरा ही छाया रहता है।

एमडी ऑफिस पर भी अंधेरा कायम

अंधेरा रहने की समस्या यही खत्म नहीं होती। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि पूरे पूर्वाचल को बिजली सप्लाई देने का लेखा जोखा रखने वाले पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध कार्यालय, भिखारीपुर रोड पर भी शाम होने के बाद पब्लिक को अंधेरे में ही आना जाता पड़ता है। यहां ऐसी हालत पिछले छह माह से बनी हुई है। जिसकी सुध न तो जिला प्रशासन ले रहा है और न ही आलोक विभाग। अधिकारियों का कहना हैं कि यहां स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी आलोक विभाग की है।

यहां से गुजरते हैं पीएम, सीएम

बता दें कि ये वो वीआईपी रोड है जिस पर से होकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर एक दो माह में डीएलडब्ल्यू पहुंचते हैं। मंडुआडीह रोड पर जब पीएम, सीएम या कोई मंत्री आता है तो इस पर लाइट का इंतजाम कर दिया जाता है, उसके बाद शाम के समय लाइट न होने से अंधेरा ही रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो रोड पर स्ट्रीट लाइट न जलने से राहगीरों को काफी परेशानी फेस करनी पड़ती है। एमडी कार्यालय के पास गैस पाइप बिछाने के लिए खोदी गई सड़क की वजह से यहां अंधेरे में कुछ दिखाई भी नहंी देता। जिसकी वजह से यहां बाइक सवार गिरकर चोटिल होते रहते हैं।

कभी भी हो सकता हो बड़ा हादसा

यहां यह बताना जरूरी है कि मंडुआडीह से अमरा बाइपास चौराहे तक फोरलेन रोड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। रोड के दोनों साइड 20-20 फीट की खोदाई हो रही है। ठंड भी तेजी से बढ़ रही है। इधर कुछ दिनों से रात होते ही इस एरिया की सड़कें कोहरे की चादर में लिपट जा रही हैं। अगर अब भी जिला प्रशासन और आलोक विभाग यहां स्ट्रीट लाइट जलाने की व्यवस्था नहीं करता है तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

मंडुआडीह तिराहे से ककरमत्ता फ्लाईओवर के नीचे तक नगर निगम एक भी पोल नहीं लगा सकता। वह रेलवे की जमीन है, वे लगाने की इजाजत नहीं देते। रही बात भिखारीपुर की तो वहां की लाइटें जल्द चालू करा दी जाएंगी।

ललित मोहन, आलोक अधीक्षक, नगर निगम

रोड पर जलने वाली स्ट्रीट लाइट में बिजली विभाग कोई हस्तक्षेप नहीं करता। उसकी काम बिजली सप्लाई का है, लाइट जलाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।

राकेश सिन्हा, पीआरओ, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम