- नगर निगम को 2 करोड़ से अधिक के राजस्व का लगा चूना

- मलिन बस्तियों के मालिकाना हक को लेकर फंसा पेंच

DEHRADUN: वित्तीय वर्ष में नगर निगम द्वारा मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स नहीं वसूला गया है। इसकी वजह है पिछली सरकार द्वारा मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिया जाना था। जिसका मामला शासन में लटका हुआ है। हाउस टैक्स न वसूले जाने से नगर निगम के राजस्व को घाटा हुआ है।

शासन में लटका है मामला

मलिन बस्तियों से हाउस टैक्स न वसूले जाने से नगर निगम को राजस्व का ख् करोड़ रुपये से भी अधिक का घाटा हुआ है। नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक शहर में मलिन बस्तियों में ब्0 हजार घर हैं। लेकिन मामला विवादित होने की वजह से टैक्स नहीं वसूला जा सका है। अब मलिन बस्तियों में नए सिरे से टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

नहीं वसूला गया टैक्स

पिछली सरकार द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर रह रहे मलिन बस्तियों के ब्0 हजार से भी अधिक परिवारों को मालिकाना हक दिया जाना था। जिसका मामला शासन में लटका हुआ है। यही कारण रहा कि नगर निगम मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों से टैक्स नहीं वसूल पाया। मेयर की मानें तो नई सरकार द्वारा मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिये जाने का मुद्दा सत्र में उठाया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

पिछली सरकार ने सत्ता में रहते हुए मलिन बस्तियों के मामले को शासन में लटकाकर रखा। जिसके कारण मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों से टैक्स नहीं वसूला गया। मलिन बस्तियों में करीब ब्0 हजार मकान हैं। जिनसे ख् करोड़ का टैक्स वसूला जाना था।

विनोद चमोली, मेयर व विधायक।