- मालवीय सभागार में छात्रों से मिले एलयू वीसी प्रो। एसपी सिंह

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति का कार्यभार संभालने के साथ ही प्रो.एसपी सिंह अब एक्शन में आ गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं से बात की और लखनऊ यूनिवर्सिटी को नैक की सर्वश्रेष्ठ रैंक दिलाने पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि मैं लखनऊ यूनिवर्सिटी को देश की पापुलर यूनिवर्सिटीज में शामिल करुंगा। इसके लिए मैं हर संभव कोशिश को तैयार हूं। मालवीय सभागार में उन्होंने छात्रों से पूछा कि यूनिवर्सिटी को क्या नैक ग्रेडिंग मिलनी चाहिए, इस पर सभी ने सहमति दे दी। स्टूडेंट्स ने कहा कि यूनिवर्सिटी को ए प्लस की ग्रेडिंग मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस ग्रेडिंग को हासिल करने के लिए स्टूडेंट्स की भूमिका अहम होती है। नैक से 700 अंक तो स्टूडेंट्स के खाते में आते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स कितने अंक दिला पाएंगे यह तो स्टूडेंट्स ही तय करेंगे। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को टीचिंग, लर्निग, रिसर्च, कंसल्टेंसी, प्रोवेशन, इवैल्यूएशन और फीडबैक में अहम भूमिका होगी। 300 अंक यूनिवर्सिटी प्रशासन के हैं। ऐसे में गुणवत्ता, समय से परीक्षा परिणाम घोषित करना, परीक्षा की सुचिता, वाई-फाई सफाई सहित अन्य मुद्दों पर योजना बनाकर काम किया जाएगा।

लगेगी सुझाव पेटिका

उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि हर फैकल्टी में जल्द ही सुझाव पेटिका लगाई जाएगी। इससे स्टूडेंट्स सुझाव के साथ प्राबलम्स भी शेयर कर सकेंगे। इसके संचालन के लिए एक सेल होगी। शिकायत कर्ता की पहचान गुप्त रहेगी। प्रो। सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा जिस पर स्टूडेंट्स ऑनलाइन भी सुझाव दे सकेंगे।

- बोर्ड ऑफ स्टडी में शामिल होंगे मेधावी

प्रो। सिंह ने कहा कि बोर्ड ऑफ स्टडी में मेधावी छात्रों की भागीदारी तय होगी। इसके साथ ही लखनऊ यूनिवर्सिटी विजन बोर्ड बनाएगा। इसमें रिसर्च और अन्य क्षेत्रों के छात्रों को शामिल किया जाएगा।

बनेगा स्टूडेंट्स वेलफेयर सेंटर

स्टूडेंट्स में उस समय खुशी की लहर दौड़ गई जब वीसी प्रो। एसपी सिंह ने बताया कि शासन से एडवांस रिसर्च सेंटर के लिए एक करोड़ रुपये की ग्रांट मिली है। इस धनराशि का उपयोग छात्र हित में स्टूडेंट वेलफेयर सेंटर बनाने में किया जाएगा। साथ ही स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए शासन ने 15 लाख रुपये की ग्रांट दी है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के विकास के लिए यूनिवर्सिटी में बेहतर सुविधाएं प्रोवाइड कराई जाएंगी, इसके लिए धन की कमी आड़े नहीं आ सकेगी।