गंगा और यमुना को नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया वैधानिक व्यक्ति का दर्जा देने का फैसला

ALLAHABAD: गंगा और यमुना नदी को क्षति पहुंचाना किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने जैसा माना जाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट का ये ऐतिहासिक निर्णय आते ही संगमनगरी में व्यापक असर दिखाई देने लगा है। संत महात्माओं व तीर्थ पुरोहितों के अलावा गंगा और यमुना को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में वर्षो से कार्य करने वाली संस्थाओं को अब यह उम्मीद हो चली है कि मोक्षदायिनी को मानव जैसा अधिकार मिलने के बाद उप्र में भी न केवल नदियों की हालत में सुधार होगा बल्कि चार वर्षो से 'नदी थाना' स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला हो सकेगा।

सरकार उठाए उचित कदम

नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा गंगा व यमुना नदी को वैधानिक व्यक्ति का दर्जा दिए जाने के बाद नदियों के भविष्य को लेकर संत महात्मा पूरी तरह से आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि ने कहा कि अब लोगों में यह भय रहेगा कि मोक्षदायिनी व यमुना को गंदा करने पर दंडित हो सकते हैं। बस सरकार यह तय कर ले कि बांधों से मोक्षदायिनी की धरा को मुक्त कर दिया जाए। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मधु चकहा ने कहा कि जैसा व्यवहार हम अपने घर के बड़े बुजुर्गो से करते हैं अब वैसा ही व्यवहार नदियों के साथ करना होगा नहीं तो कार्रवाई होना तय है।

कुंभ के दौरान भेजा थाना का प्रस्ताव

गंगा सेना शिविर के संरक्षक स्वामी आनंद गिरि व ग्लोबल ग्रीन्स के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव की ओर से कुंभ मेले के दौरान नदी थाना खोले जाने का प्रस्ताव तत्कालीन केन्द्र और राज्य सरकार को भेजा गया था। थाना के अन्तर्गत नदियों के किनारे चर्चित घाट पर एक थाना खोलने की मांग की गई थी। इसमें पुलिस नहीं बल्कि रिटायर्ड नाविक, शिक्षक व नदियों के संरक्षण की दिशा में कार्य करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों को नियुक्त किए जाने की मांग शामिल थी।

मोक्षदायिनी के स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के मन में भय होगा। नदियों को वैधानिक व्यक्ति का दर्जा दिया ही जाना चाहिए था। इसका असर उप्र में भी जल्द दिखाई देने लगेगा।

नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

जागरूकता कार्यक्रम तो बहुत चलाया जाता है, लेकिन कार्रवाई का डर न होने की वजह से ही नदियों की स्थिति खराब होती जा रही है। हम लोगों ने नदी थाना खोलने की मांग की थी अब उस प्रस्ताव को लागू करवाने का काम किया जाएगा।

स्वामी आनंद गिरि, संरक्षक गंगा सेना शिविर

प्रधानमंत्री भी अपने भाषणों में नदियों की सफाई का जिक्र करते हैं। अब दोनों जगह बीजेपी की ही सरकार है। उम्मीद है कि अब उप्र में भी गंगा और यमुना की हालत में सुधार होगा।

मधु चकहा, महासचिव अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा

जब हम अपने घर में किसी को क्षति नहीं पहुंचाते हैं तो मोक्षदायिनी और यमुना को कैसे पहुंचा सकते हैं। बस इतनी सी बात को लेकर केन्द्र व प्रदेश सरकार लोगों को जागरूक करे तो नदियों की स्थिति बेहतर हो जाएगी।

तीर्थराज पांडेय, संयोजक प्रयागराज सेवा समिति

उप्र में नदी थाना का प्रस्ताव स्वामी आनंद गिरि के साथ मिलकर बनाया गया था। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन और केन्द्र व प्रदेश सरकार को इस संबंध में कई बार प्रस्ताव भेजा गया था। अब सरकार इस पर मंथन करे तो नदियों की स्थिति बदल जाएगी।

मनोज श्रीवास्तव, अध्यक्ष ग्लोबल ग्रीन्स