सीन-वन
थर्सडे को यूपी बोर्ड के क्लास टेंथ का हिंदी का पेपर था। एत्मादपुर स्थित जनता इंटर कॉलेज में पेपर शुरू होने के एक घंटे पहले से कॉलेज के पीछे खेतों में नकल माफिया एक्टिव हो गए। खेतों में बैठकर नकल करवाने के लिए पर्चियां बनना शुरू हो गई थीं। तकरीबन 200 से अधिक लड़कों की भीड़ हाथ में मॉडल पेपर और पर्ची लेकर एग्जाम शुरू होने का वेट कर रही थी।

सीन-टू
सुबह 7:30 बजे जैसे ही आंसर शीट बंटने के बाद स्टूडेंट्स के हाथ में क्वेशचन पेपर आया तो खिड़कियों पर नकल माफिया लटक गए। पर्चियां बांटना शुरू कर दी गईं। खेतों के सहारे बने 12 कमरों पर नकल माफिया एग्जाम रूम में पर्ची दे रहे थे। सबसे ज्यादा पर्ची रामधारी सिंह 'दिनकरÓ के जीवन परिचय की लेकर बंटी। 10 बजे तक ये सीन चलता रहा।

सीन-थ्री
कॉलेज में पांच पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थी। कॉलेज की छत पर भी तीन पुलिसकर्मी तैनात थे। लेकिन, कानून का डर इनके चेहरे से गायब था। नकल माफिया कॉलेज की छतों पर चढ़कर पुलिस वालों के सामने नकल करवा रहे थे। पुलिसकर्मी मूक दर्शक बने हुए थे। बाकी दो पुलिसकर्मी कॉलेज के मेन गेट पर बैठे हुए सिर्फ टाइम पास करते हुए नजर आए। उनको इस बात से कोई मतलब नहीं था कि अंदर क्या चल रहा है। बगल में बने कोल्ड स्टोरेज पर भी नकल माफिया बैठे हुए पर्ची बना रहे थे।

सीन-फोर
नकल माफियाओं ने पूरे कॉलेज को अपने कब्जे में ले रखा था। पांच से अधिक बाइक पर दो-दो लड़के आसपास की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। जब भी कोई अंजान व्यक्ति उनको नजर आता, तो वो छत और खिड़कियों पर चढ़े लड़कों को फोन करके इंफॉरमेशन दे देते। जब आई नेक्स्ट की टीम मौके पर पहुंची तो कैमरा देख इनमें अफरा-तफरी मच गई।

सीन-फाइव
कॉलेज के बगल में बना कोल्ड स्टोरेज और मंदिर नकल माफियाओं के लिए काफी मुफीद साबित हुआ। मंदिर से लड़के हर गतिविधि पर नजर जमाए हुए थे। कोल्ड स्टोर की छत पर से नकल खिड़कियों के सहारे पहुंचाई जा रही थी। बाकी नीचे खड़े लड़कों के हाथों में हिंदी का मॉडल पेपर लगा हुआ था। जैसे ही उनको अंदर से मोबाइल पर फोन आता, वैसे ही वो मॉडल पेपर से पेज फाड़कर अपने साथियों तक पहुंचा देते।

सीन-6
नकल माफिया पेपर वाले दिन भी पैसों का लेन-देन कर रहे थे। खेतों में एक पर्ची अंदर पहुंचाने के लिए बाकायदा रुपयों की डिमांड हो रही थी। इस सब में कॉलेज के पीछे बने गांव के लोग भी शामिल थे। उनके घरों में बैठकर लड़के मोबाइल पर बताए गए क्वेसचंश की पर्ची बना रहे थे। कई बुजुर्ग लोग भी यही काम करते हुए नजर आए।

सीन-सात
टेढ़ी बगिया स्थित कई एग्जाम सेंटर्स पर कक्ष निरीक्षक एग्जाम रूम के बाहर टहलते नजर आए। आई नेक्स्ट की टीम को देख पहले तो ये सकपका गए और फिर अंदर की ओर भाग गए। कुबेरपुर और छलेसर के कुछ सेंटर्स का भी यह हाल था। नकल करवाने के लिए टीचर्स क्लास रूम के बाहर बैठे मिले। अंदर पर्ची देकर वो बाहर फ्लाइंग स्क्वॉयड पर नजर रखे हुए थे। स्टूडेंट्स को पूरा पेपर सॉल्व करवाया जा रहा था। इसके अलावा शमशाबाद, कागारौल, टेहू और मिढ़ाकुर के सेंटर्स भी नकल कराने में पीछे नहीं रहे।

नए नियम का रहा डर

हिंदी के पेपर में नकल माफिया इसीलिए भी एक्टिव रहे क्योंकि नए नियम ने उन्हें परेशान किया हुआ था। इसके मुताबिक, हिंदी में फेल होने पर स्टूडेंट को फेल डिक्लेयर किया जाएगा। इसके चलते  नकल माफिया सुबह से ही सेंटर्स पर जमे रहे।

Report by- APARNA SHARMA ACHARYA, PICS BY- AMIT SHIVHARE