रांची: राजधानी में शराब का अवैध धंधा फिर बेलगाम होता जा रहा है। डोरंडा, हात्मा समेत कई इलाकों में इस जहरीली शराब ने कई लोगों की जान ले ली है लेकिन इसके बाद भी इसके खिलाफ सख्त अभियान नहीं चलाया जा रहा। जांच में कई दफा यह खुलासा भी हो चुका है कि शराब कारोबारी नकली शराब को रांची के कई होटलों और ढाबों में धड़ल्ले से सप्लाई कर रहे हैं। इसके अलावा कई थाना क्षेत्रों में अवैध शराब का कारोबार बेरोकटोक जारी है। पूरे जिले में 200 से ज्यादा हिस्ट्रीशीटर अपना यह काला धंधा चला रहे हैं। इतनी सूचना के बाद भी पुलिस शराब के अवैध कारोबार से अंजान बनी हुई है। वहीं हादसे के बाद कई तरह के आदेश भी दिए जाते हैं लेकिन कुछ ही दिनों बाद आदेश को दरकिनार कर दिया जा रहा है। यही वजह है कि अवैध शराब के कारोबार से कई इलाके प्रभावित हो रहे हैं। इस अवैध धंधे पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो नकली शराब एक बार फिर कई लोगों के मौत का कारण बन सकती है।

इन थाना क्षेत्रों में धड़ल्ले से

रांची के जिन थाना क्षेत्रों में बेखौफ अवैध शराब का कारोबार किया जा रहा है। उनमें डोरंडा, नामकुम, लोअर बाजार, कांके, कोतवाली, लालपुर, सुखदेवनगर, पंडरा, धुर्वा, तुपुदाना, रातू, नगड़ी, गोंदा, चुटिया के अलावा सदर और ओरमांझी थाना क्षेत्र शामिल हैं। लेकिन इन थानों की पुलिस शांत पड़ी है।

स्थानीय थानों का है संरक्षण!

अवैध शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया को स्थानीय थानों का संरक्षण प्राप्त है। जिसके कारण ही वह बेलगाम होकर अपना यह काला धंधा चला रहे हैं। होटलों और ढाबों में अवैध तरीके से सप्लाई कर रहे हैं। लेकिन पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार शराब कारोबारी स्थानीय थानों के पुलिसकर्मियों को पैसे के बल पर सेट किये रहते हैं। अगर उनके थाने की पुलिस अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी करने जाती है, तो उससे पहले ही उनके द्वारा शराब कारोबारी को इसकी सूचना दे दी जाती है। इससे वे भागने में सफल हो जाते हैं।

हादसे के बाद सख्ती, फिर सुस्ती

पहले डोरंडा में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत, उसके बाद 30 सितंबर 2018 को गोंदा थाना क्षेत्र के हातमा बस्ती में अवैध जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की हुई मौत के बाद पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से सख्ती बरती गई। इससे अवैध शराब के धंधे पर काफी हद तक लगाम लग गई थी। शराब माफिया अंडरग्राउंड हो गए थे। लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद अवैध शराब के कारोबार ने फिर से रफ्तार पकड़ ली।

दूसरे राज्यों से आती है खेप

राजधानी रांची में हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों से अवैध शराब की खेप सप्लाई की जाती है। यह शराब की खेप रात के समय ररांची में पहुंचती है और सुबह होते होते शराब से भरी ट्रक पूरी तरह से खाली हो जाती है। ये शराब कब्जे में आने के बाद माफिया उसे छोटे-छोटे वाहनों में लोड करके अलग-अलग जगहों पर सप्लाई करने के लिए फास्ट हो जाते हैं।

सत्यापन का टास्क दरकिनार

गोंदा थाना क्षेत्र के हातमा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद पुलिस ने पुराने शराब कारोबारियों की गतिविधियों का सुराग जानने के लिए दोबारा छापेमारी शुरू की थी। तत्कालीन सिटी एसपी अमन कुमार ने अवैध शराब के धंधे में लगे लोगों पर कार्रवाई करने के लिए सभी थानेदारों को टास्क सौंपा था लेकिन उनके तबादला होते ही ये टास्क भी दफन हो गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस सत्यापन के दौरान वैसे शराब कारोबारियों के बारे में जानकारी कलेक्ट की गयी थी जो पूर्व में जेल जा चुके हैं या जिनके यहां अवैध शराब को लेकर छापेमारी की जा चुकी है। इनके ठिकाने पर सर्च भी किया गया था। सारी लिस्ट तैयार करने के बाद भी मामला दफनाया जा रहा है। डीसी ने भी चिन्हित अवैध शराब कारोबारियों को जिला बदर करने का आदेश दिया था। इसे भी फॉलो नहीं किया गया।