पटना पुलिस ने विद्याशंकर हत्याकांड में इंवेस्टिगेशन शुरू कर दिया है। विद्याशंकर, अर्चना, संगीता उर्फ डॉली और पायल उर्फ रीता के मोबाइल की जांच शुरू की गई। विद्याशंकर और डॉली का मोबाइल पुलिस नहीं खोल सकी। यह लॉक है, जिसे डिकोड करना पड़ेगा। वहीं, डॉली की एक अन्य मोबाइल और पायल व अर्चना के मोबाइल की भी पुलिस ने तफ्तीश की। इससे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

डिकोड करवाने में जुटी पुलिस

पुलिस जब डॉली के मोबाइल में सेव नम्बरों की लिस्ट देख रह थी, तो सोच में पड़ गई। दरअसल एके 47 और एके 56 के नाम से नम्बर सेव थे। इसपर खूब बातें भी होती रहीं। अब पुलिस भी यही सोच रही है कि हथियारों के नाम से सेव होने वाले नंबर किसके हैं? इन नम्बरों की हकीकत भी पुलिस निकालने में लग गई है। इस राज के बाद तो पुलिस डॉली के एक और मोबाइल नम्बर को डिकोड करवाने में लग गई है।

हो रही उसकी खोज-खबर

पुलिस उस वक्त भी परेशान हो गई, जब उसने पायल उर्फ रीता के मोबाइल की कांटैक्ट लिस्ट देखी। इसमें भी दलाल 1 और दलाल 2 के नाम से नम्बर सेव थे। पुलिस इन दलालों के नम्बर की खोज-खबर में लग चुकी है। पुलिस की मानें, तो इन दलालों और एके 47 व 56 के पीछे कौन लोग हैं, इसकी तहकीकात जरूरी है। दूसरी ओर, पुलिस ने जब अर्चना के मोबाइल की तफ्तीश की, तो पता चला कि राजू नामक किसी व्यक्ति का खूब एसएमएस आया है। राजू के बारे में भी जांच-पड़ताल की जा रही है।