All were drunk

भाई की शादी और ऊपर से वर्दी का गुरूर। आर्शीवाद गेस्ट हाउस में कुछ ऐसा ही हुआ। सूत्रों के अनुसार शराब के नशे में डूबे दरोगा और सिपाही ने अपने सर्विस रिवाल्वर से ही कई अंधाधुंध फायर झोंके। चंद मिनटों में दरोगा की गोली ने 11 साल की मासूम नंदनी की जिंदगी और एक परिवार की खुशियां छीन लीं। नंदनी की हत्या के बाद आरोपी ससुर-दामाद अंडरग्राउंड हो गए। डीआईजी ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया है।

दामाद दरोगा, ससुर सिपाही

नंदनी के चाचा भूप नारायण उर्फ बच्चू ने वाराणसी थाने के संकट मोचन चौकी में तैनात दरोगा विष्णुकांत तिवारी और ससुर रामकुमार मिश्रा (पीएसी जवान) के खिलाफ हर्ष फायरिंग के दौरान मासूम नंदनी की मौत हो जाने का केस दर्ज कराया है। एसओ नजीराबाद रविन्द्र नाथ ने बताया कि दरोगा और सिपाही दोनों ही नशे में धुत थे। दरोगा ने सर्विस रिवाल्वर से अंधाधुंध कई राउंड फायरिंग की। फायरिंग के दौरान एक गोली नंदनी के सिर में जा धंसी। मासूम को मौत की नींद सुलाने वाले आरोपी ससुर-दामाद अंडरग्राउंड हो गए। हैलट में नंदनी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

सर्विस रिवाल्वर से चली गोली!

पोस्टमार्टम में नंदनी की डेडबॉडी से नाइन एमएम की छोटी बुलेट निकली है। घटना को अंजाम देने वाला आरोपी दरोगा दूल्हे का चचेरा भाई था। हालांकि पुलिस इस बिंदु पर तहकीकात कर रही है कि गोली सर्विस रिवाल्वर से चलाई गई है या फिर निजी लाइसेंसी हथियार से। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें वाराणसी और रिश्तेदारों के घर रवाना हो चुकी हैं।