- शहर में अवैध कॉलोनी रोकना बीडीए का काम, लेकिन दूसरे व्यक्ति व संस्था भी जिम्मेदार: बीडीए वीसी

-सुभाषनगर से शुगर मिल तक जल्द बनेगा नाला, बारिश में जलभराव की समस्या से मिलेगा छुटकारा

BAREILLY :

शहर में सड़क नाली बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए आखिरकार नगर निगम कमर कसकर तैयार हो गया है। नगर आयुक्त से लेकर मेयर तक ने जनता को भरोसा दिया है कि जल्द ही समस्याएं बीते दिनों की बात होंगी। मौका था दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैंपेन 'स्मार्ट सिटी का नरक लोक' पर पैनल डिस्कशन का। जहां पर बीडीए वीसी और शहर विधायक ने भी हर संभव मदद का वादा किया।

वंशी नगला की समस्या पर जब बात हुई तो नगर आयुक्त ने बताया कि 1982 में 48 गांव नगर निगम में शामिल किए गए थे लेकिन इनके विकास के लिए तत्कालीन सरकार और बाद की सरकारों ने कोई रूपरेखा तैयार नहीं की। जिसके चलते 36 वर्ष बाद आज भी ये गांव शहर नहीं बन पाए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर का संज्ञान लेते हुए मैंने एक प्रस्ताव इन गांवों के डेवलपमेंट के लिए शासन को भेज दिया है। वहीं शहर विधायक ने शासन में प्रस्ताव की पैरवी करने की बात कही। पढि़ए पूरी रिपोर्ट किस मसले पर किसने क्या कहा

स्मार्ट सिटी का जिम्मा पूरा करूंगा

मेयर: शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का जिम्मा उठाया तो इसे पूरा करके दिखाऊंगा। उन्होने कहा कि संजय नगर में 3 करोड़ 80 लाख से नाला, इसके साथ एक सम्पवेल बनाया जाएगा जो पुराने सम्पवेल के पास बनेगा। वहीं सुभाषनगर से शुगर मिल तक पानी निकालने के लिए नाला बनाया जाएगा जिससे सुभाषनगर के निवासियों के लिए अगले वर्ष पूरी तौर पर जलभराव से मुक्ति मिल जाएगी। इसके साथ ही 48 गांव जो 36 वर्ष पहले नगर निगम में शामिल किए गए थे उनमें 15 में नालियां बन गई हैं। लाइटिंग भी करा दी गई है। दूसरे गांव में भी जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। जहां तक हजियापुर की बात है तो वहां के लोगों ने नाला पर दो मंजिला मकान बना लिया है। ऐसे में स्थानीय लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाओं को बनाए रखने के बारे में खुद सोचना होगा। वहीं बीडीए को भी इस बात पर सख्ती बरतनी होगी ताकि शहर में कोई अवैध निर्माण नहीं हाेने पाएं।

संजय नगर में गलत नाला बनने से हुआ जलभराव

नगर आयुक्त: हजियापुर और संजय नगर एक ही वार्ड हुआ करते थे। इसके लिए वर्ष 2002 में सम्पवेल बनाया गया था। तब यह 20 हजार की आबादी की क्षमता के लिए था लेकिन आज आबादी 2.5 लाख हो गई है। इसके अलावा संजय नगर से बनाए गए नाले का ढलान गलत दिशा में होने के चलते जलभराव बड़ी समस्या बना है। सफाई के लिए नगर निगम इंतजाम कर रहा है, जिन वार्डो में सफाईकर्मी कम हैं उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

अवैध कॉलोनियों को शहर से बाहर नहीं कर सकते

बीडीए वीसी: अवैध कॉलोनियां शाश्वत सच हैं इसके लिए बीडीए ही जिम्मेदार है, तो वहीं इसके लिए दूसरे विभाग, व्यक्ति और संस्थाएं भी पूरी तरह जिम्मेदार हैं। अवैध निर्माण को शहर के बाहर नहीं फेंक सकते। यहां सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए। क्योंकि समाधान ही महज एक रास्ता है। इन कॉलोनियों के विनियमितीकरण की फाइल शासन में लंबित है, जहां तक बीडीए के कड़े नियमों को अवैध कॉलोनी की वजह कहा जा रहा है तो इसे हम स्वीकार करते हैं और बनारस की तर्ज पर बरेली में भी सब डिवीजन चार्जेज माफी के लिए शासन को पत्र लिखा है। बीडीए के पास कई विकास कार्य लंबित पड़े हैं क्योंकि अवस्थापना निधि का खजाना ख्ाली है।

48 गांव 36 वर्ष पहले शहर में हुए थे शािमल

विधायक: समस्याओं को लेकर शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार ने कहा कि जो 48 गांव बीते 36 वर्ष से विकास की बाट जोह रहे हैं सीएम से मिलकर इन्हें हम शहर बनाएंगे। बीडीए अवस्थापना निधि का खजाना खाली है आज मुझे इसकी जानकारी हुई है, मैं इस संबंध में शासन में बात करूंगा और बजट दिलाऊंगा। अवैध निर्माण पर कहा कि यह बात सही है कि बीडीए के चार्जेज अधिक हैं और नियम कड़े हैं। इसीलिए लोग नक्शा पास नहीं कराते हैं और अवैध निर्माण कर लेते हैं। मैं मानता हूं, कि नक्शा पास कराने के नियम आसान होने चाहिए। वाराणसी विकास प्राधिकरण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि वहां चार्जेज कम कर दिए गए हैं। पब्लिक को नक्शा लेना आसान हो गया है। अभी बरेली में छोटी पूंजी वाले के लिए घर बनाना सस्ता है, लेकिन नक्शा बनवाना महंगा है।