उन्होंने कहा, ''जब प्रधानमंत्री ने कहा कि निराश होने की बात नहीं है, अच्छे दिन आने वाले हैं. मैं उनसे सहमत हूं, हो सकता है कि चार से छह महीने आपको इंतजार करना पड़े लेकिन अच्छे दिन आ रहे हैं.''

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रवासी सम्मेलन के आख़िरी दिन गुरुवार को मोदी ने उन्हें संबोधित किया.

मोदी ने जहां इशारे में ही आगामी आम चुनावों में भाजपा के विजयी होने की बात कही वहीं अप्रवासी भारतीयों के सहयोग और साकारात्मक रुख़ की भी प्रशंशा की.

उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'स्टैचू ऑफ़ यूनिटी' के संदर्भ में अप्रवासी भारतीयों से आगे आने की अपील की.

'वहां भी हो रन फ़ॉर यूनिटी'

उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदान को याद करते हुए कहा, ''उन्होंने 500 से ज्यादा रियासतों को एक किया था. भारत के नक्शे के निर्माण में सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान था.''

''सरदार पटेल ने यूनिटी के लिए इतना बड़ा काम किया, इसे ध्यान में रखकर गुजरात में हमने उनकी दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति बनाने का फ़ैसला किया है. इसकी ऊंचाई 'स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी' से दोगुना होगी.''

उन्होंने कहा कि इसका एक मक़सद देश के सात लाख गांवों को जोड़ना भी है.

उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिसम्बर को 50 लाख लोगों ने 'रन फ़ॉर यूनिटी' में हिस्सा लिया जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया. उनकी प्रेरणा से ही यह सम्भव हो पाया.''

उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित लोगों से अपील की कि वे अपने-अपने यहां 'रन फ़ॉर यूनिटी' का कार्यक्रम आयोजित करें.

उन्होंने कहा, ''पूरी दुनिया में जहां-जहां भारतीय रहते हैं वहां इसका आयोजन होना चाहिए.''

'तस्वीर बदली है'

भारतीय राज्य व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में व्यापार या उद्योग के लिए केंद्र सरकार की बजाय राज्य सरकारों से सीधा संपर्क साधने के मामलों में इजाफा हुआ है. भारत के लिए यह एक शुभ संकेत है.

''एक समय था जब राज्यों के बीच बात होती थी तो गिले-शिकवे की बातें ज्यादा होती थीं. पिछले 12-15 वर्षों में यह माहौल बदला है. उनके बीच 'हेल्दी काम्पटीशन' बढ़ा है. विकास को लेकर स्पर्धा का माहौल बना है.''

उन्होंने कहा, ''यह स्पर्धा जितनी तेज़ होगी, जितनी व्यापक होगी, ये राज्य अपने पुरुषार्थ के बल पर उतना ही विकास कर सकेंगे. एक समय था कि जब बीमारू राज्य के बारे में ज्यादा बातें होती थीं, आज उनके उद्योग केंद्र के रूप में उभरने की चर्चा होती है. यह एक शुभ संकेत है.''

'मनाएंगे 150वीं गांधी जयंती'

मोदी ने प्रवासी भारतीयों को पूरी दुनिया में उभरते हुए भारत की तस्वीर पेश करने के लिए आगे आने की अपील की.

उन्होंने कहा, ''महात्मा गांधी की 150वीं जयंती आने वाली है. इस अवसर पर पूरी दुनिया में हमें उनके विचारों को लेकर जाना चाहिए. इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और भारतीयों द्वारा मानव सभ्यता को दी गई साकारात्मक चीजों को दुनिया भर में ले जाना चाहिए.''

''वर्ष 2020 में भारत की आजादी के 75 साल होने वाले हैं. किसी भी राष्ट्र के लिए 75 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. हमें देश वासियों को एक बेहतर हिंदुस्तान देने का सपना लेकर चलना चाहिए. अमृत महोत्सव के रूप में इसे देश ही नहीं पूरी दुनिया में, जहां-जहां प्रवासी भारतीय हैं, मनाया जाना चाहिए.''

अपने संबोधन के अंतिम भाग में उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की भूरि-भूरि प्रशंशा की.

उन्होंने कहा, ''दो ऐसी घटनाएं घटीं जब विश्व भर में फैले हुए भारतीय बहुत आंदोलित हुए और बहुत साकारात्मक रूप में पहलकदमी ली.''

''जब सत्तर के दशक में देश में इमरजेंसी लागू हुई तो पूरा अप्रवासी भारतीय जन समुदाय आंदोलित हो उठा और लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए कोशिशें कीं.''

उन्होंने कहा, ''दूसरी घटना है पोखरण परीक्षण. वाजपेयी जी ने जब परीक्षण कराया तो पूरी दुनिया के देशों ने भारत पर प्रतिबंध थोप दिया. उस समय अप्रवासी भारतीय सरकारी खजाने को भरने के लिए आगे आए.''

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