देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार की शाम को शपथ ग्रहण करने जा रहे नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, एम वेंकैया नायडू और शिवसेना के अनंत गीते का शामिल होने की बातें सामने आ रही है.

मोदी और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आज शाम 6 बजे राष्ट्रपति भवन में संपन्न होगा.

सूत्रों के अनुसार, पार्टी की ओर से कैबिनेट में शामिल मंत्रियों की अंतिम सूची आज सुबह राष्ट्रपति भवन को भेज दी गई है.

नरेन्द्र मोदी सरकार में कुल 24 कैबिनेट मंत्री होंगे। मोदी समेत करीब 45 मंत्री आज शपथ लेंगे। 11 राज्यमंत्री, 10 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी सरकार में शामिल होंगे.

नरेन्द्र मोदी की संभावित सेना

ताजा जानकारी के अनुसार, राजनाथ सिंह को गृह मंत्रालय, अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय और सुषमा स्वराज विदेश मंत्रालय मिलेगा. नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्रालय अपने पास रख सकते हैं. सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का प्रभार दिया जाएगा.

साथ ही, गडकरी को भी किसी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है. गीते को भी कैबिनेट मंत्रालय मिलेगा. सूत्रों की मानें तो, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजीव प्रताप रूडी को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है. सुमित्रा महाजन या करिया मुंडा में से किसी को स्पीकर बनाने की बात चल रही है.

कई महिला चेहरे भी शामिल

प्रधानमंत्री की कैबिनेट में जिन महिला चेहरों को शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा है उनमें स्मृति ईरानी, नजमा हेपतुल्ला, निर्मला सीतारमण और मेनका गांधी शामिल हैं.

कैबिनेट में शामिल होने वाले जिन अन्य नामों की चर्चा हो रही है उनमें वेंकैया नायडू, हषर्वर्धन, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, उमा भारती और पीयूष गोयल शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों की संख्या 40 और 45 के बीच होगी जो सामान्य से बहुत कम है. बाद में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका के बारे में अभी कुछ स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है.

न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन

मोदी ने सरकार का पुनर्गठन इस तर्ज पर किया है कि एक-एक कैबिनेट मंत्री कई विभागों की कमान संभाल पाऐंगे. मोदी के गुजरात भवन स्थित सचिवालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि अपने मंत्रिमंडल के गठन में मोदी ने ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ और ‘कार्य संस्कृति एवं शासन की शैली में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता के साथ युक्तिसंगत होने’ के सिद्धांत को अपनाया है.

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने की स्थिति में उनकी जगह नए अध्यक्ष की तलाश की जाएगी तथा साथ ही पार्टी का पुनर्गठन भी किया जाएगा.

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