मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर आई नेक्स्ट ने अपने सर्वे के जरिये ये जानने की कोशिश की कि महंगाई पर सरकार कितना लगाम लगा सकी है। टोटल 12 शहरों की जनता के बाद आज से हम शुरू कर रहे हैं अलग-अलग मुद्दों पर सिर्फ बनारसी जनता के फीडबैक का सिलसिला। आज पहली रिपोर्ट में देखिये महंगाई के मुद्दे पर क्या कहती है बनारस की जनता

महंगाई पर कुछ तो राहत है भाई

- आई नेक्स्ट सर्वे में बनारसी की पब्लिक ने महंगाई रोकने के मामले में मोदी का किया थोड़ा समर्थन

- आधे से थोड़े ज्यादा ने माना कि मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में कंट्रोल में थी महंगाई

- महंगाई के मुद्दे पर मोदी का समर्थन करने वालों में प्रोफेशनल्स ओर हाउस वाइव्स ज्यादा

VARANASI : एक अरसे से पब्लिक महंगाई से परेशान है। लोकसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा था। हर किसी के साथ नरेन्द्र मोदी का भी वादा था कि वह महंगाई से देश की जनता को राहत दिलाएंगे। लेकिन क्या बीते एक साल के कार्यकाल में मोदी इसमें सफल रहे? मोदी सरकार के एक साल पूरे होने पर आई नेक्स्ट की ओर से विभिन्न मुद्दों पर पब्लिक के बीच कराए गये सर्वे में बनारस लेवल पर जो नतीजे मिले वो कहीं न कहीं इस बात का समर्थन करते नजर आए कि मोदी सरकार में महंगाई कंट्रोल में रही। हालांकि महंगाई से राहत पाने वाले और महंगाई बढ़ने की बात करने वालों के बीच आंकड़ों में बहुत ज्यादा गैप नहीं था। सीधे तौर पर कहें तो महंगाई के मुद्दे पर बनारस की जनता ने दिल खोल कर मोदी का समर्थन नहीं किया है।

अपने एक साल के कार्यकाल में मोदी सरकार महंगाई कम कर पाने में कितनी सफल रही है?

बनारस की जनता ने इस मामले में मोदी का साथ दिया है। सर्वे में फ्फ् परसेंट ने माना कि महंगाई कुछ हद तक कम हुई है जबकि ख्0 परसेंट का कहना था कि महंगाई काफी हद तक कम हुई है। इस तरह देखा जाए तो भ्फ् परसेंट लोगों ने महंगाई कम होने का समर्थन किया।

जबकि सर्वे में फ्8 परसेंट लोगों कहा कि महंगाई बिल्कुल कम नहीं हुई और 9 परसेंट ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि महंगाई कम होने की बजाय बढ़ी है। इस तरह टोटल ब्7 परसेंट ने महंगाई कम न होने के पक्ष में विकल्प को चुना।

पुरुषों ने किया मोदी का फेवर

सर्वे में एक खास बात ये भी रही कि महंगाई से राहत महसूस करने वालों में बनारस के पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा थी। पुरुषों में फ्फ् परसेंट ने जहां माना कि कुछ हद तक महंगाई कम हुई वहीं ख्ख् परसेंट का कहना था कि महंगाई काफी हद तक कम हुई है। इस तरह भ्भ् परसेंट ने महंगाई कम होने का समर्थन किया।

जबकि महिलाओं में फ्फ् परसेंट ने कहा कि महंगाई कुछ हद तक कम हुई लेकिन क्7 परसेंट ने ही कहा कि महंगाई काफी हद तक कम हुई है। इस तरह से सर्वे में शामिल कुल महिलाओं में भ्0 परसेंट ने ही महंगाई कम होने का समर्थन किया।

प्रोफेशनल्स खुश, बिजनेसमेन मायूस

अगर प्रोफेशनवाइज बात करें तो सर्वे में शामिल चार प्रोफेशन के लोगों में महंगाई के मामले में मोदी सरकार का सबसे ज्यादा फेवर बनारसी प्रोफेशनल्स ने किया। प्रोफेशनल्स के रूप में हमारे सर्वे में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, सीए, एडवोकेट्स आदि शामिल थे। प्रोफेशनल्स में टोटल भ्म् परसेंट ने महंगाई से राहत के दो विकल्पों में से किसी एक का चुना जबकि अन्य ब्ब् परसेंट ने महंगाई बढ़ने का समर्थन किया।

दूसरे नम्बर पर हाउस वाइव्स रहीं। सर्वे में शामिल सभी हाउस वाइव्स में से भ्भ् परसेंट ने किसी ने किसी विकल्प के रूप में माना कि महंगाई कम हुई है जबकि ब्भ् परसेंट ने महंगाई बढ़ने की बात कही।

तीसरे नम्बर पर स्टूडेंट्स थे। स्टूडेंट्स में से भ्फ् परसेंट ने माना कि मोदी गवर्नमेंट के एक साल के कार्यकाल में महंगाई में कमी हुई है।

लेकिन बिजनेसमेन में महंगाई को लेकर मोदी गवर्नमेंट से खुश और नाखुश लोगों की तादाद फिफ्टी-फिफ्टी रही। भ्0 परसेंट बिजनेसमेन ने जहां महंगाई कम होना बताया वहीं भ्0 परसेंट ने कहा कि महंगाई बढ़ी है।

कमेंट्स

मोदी सरकार के एक साल में महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन यह इतनी नहीं है कि उसे पर्याप्त मान लिया जाए। कुछ सालों में महंगाई जैसे सुरसा की तरह बढ़ी। दिन दूनी रात चौगुनी बढोत्तरी होती रही। उसके आगे पब्लिक बेहाल हो गयी। जब तक महंगाई का स्तर दस साल पुराने स्थिति में नहीं आएगा राहत नहीं मिलेगी।

प्रीति, हाइस वाइफ

एक साल में महंगाई ने इतनी ही राहत दी है कि ये ज्यादा कम नहीं हुई तो बढ़ी भी नहीं है। पेट्रो पदार्थ के दाम कम हुए। इसका फायदा बिजनेस क्लास को मिला। माल की ढुलाई सस्ती हो गयी। इसके अलावा जमाखोरी पर भी लगाम लगा जिससे बाजार को राहत मिली है। जाहिर सी बात है कि बाजार में राहत होगी तो पब्लिक को राहत जरूर मिलेगी।

आशुतोष सिंह, बिजनेसमैन

महंगाई अगर कम होती है तो सबसे अधिक राहत उनको मिलती है महीने के वेतन पर काम करने वाले होते हैं। उनके पास हर महीने उनके पास निर्धारित रुपये आते हैं। इन रुपयों से ही उन्हें अपनी हर जरूरत को पूरी करना पड़ता है। पिछले एक साल से यह वर्ग राहत महसूस कर रहा है। आगे भी स्थिति यही रही तो बेहतर होगा।

कमल, प्रोफेशनल

प्रश्न के जवाब में आफ्शन

-हां कुछ हद तक महंगाई कम हुई

-काफी हद तक कम हुई

-बिल्कुल नहीं हुई

-महंगाई और बढ़ी