घमासान का पटाक्षेप

मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर भाजपा में कई दिनों से चल रहे घमासान का पटाक्षेप हो गया. इसके लिए सबसे बड़ी अड़चन माने जा रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को मना लिए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन खबर है कि वह बैठक में भाग नहीं लेंगे. हालांकि इसके बावजूद शाम 5:30 बजे संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मोदी की उम्मीदवारी की घोषणा तय मानी जा रही है.

स्पेशल चार्टर्ड विमान से दिल्ली पहुंचे

उधर, मोदी बैठक में शामिल होने के लिए स्पेशल चार्टर्ड विमान से दिल्ली पहुंचे. एयरपोर्ट से पहले वह गुजरात भवन, फिर वहां से राजनाथ के आवास से होते हुए पार्टी मुख्यालय रवाना हो गए. वहीं राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, अनंत कुमार, वेंकैया नायडू, अमित शाह और रामलाल के पार्टी मुख्यालय पहुंच चुके हैं. उधर, मोदी के नाम के एलान की संभावना प्रबल होते देख दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, मुंबई सहित देश के कई हिस्सों के कार्यकर्ता एवं समर्थकों ने अभी से जश्न मनाना शुरू कर दिया है.

अकाली दल और शिव सेना को दी जानकारी

खबर है कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने राजग के घटक दल शिरोमणि अकाली दल के मुखिया व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल एवं शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को इस बाबत जानकारी दी है. शिवसेना ने मोदी के नाम का समर्थन किया है. सूत्रों ने बताया है कि मोदी के नाम पर सबसे बड़ी अड़चन बने आडवाणी को आज अंतत: मना लिया गया है, लेकिन भाजपा मुख्यालय में अपने खिलाफ हो रहे नारेबाजी की खबर से नाराज होकर वह बैठक में भाग लेने का इरादा बदल दिया और वापस घर लौट गए.

नाम तय, घोषणा औपचारिक

वहीं पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने बैठक में जाने से पहले मीडिया को बताया कि पीएम उम्मीदवार के रूप में मोदी का नाम तय है, बस घोषणा की औपचारिकता ही शेष है. उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आने से मना कर दिया है. चौहान ने व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा है कि वे पार्टी के फैसले के साथ हैं.

आरएसएस बता चुका था अपनी पसंद

गौरतलब है कि आरएसएस पहले ही अपनी पंसद पार्टी अध्यक्ष को बता चुका है. वहीं विहिप भी मोदी के नाम पर अपनी मुहर लगा चुका है. अब फैसला राजनाथ सिंह को करना है. लेकिन राजनाथ फैसले में सबको इकट्ठा करने की कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं. लिहाजा, गुरुवार को दिनभर अलग-अलग स्तर से सर्वसम्मति बनाने की कोशिश होती रही.

आडवाणी और जोशी बुधवार को ही मिल चुके

राजनाथ आडवाणी और जोशी से बुधवार को ही मिल चुके थे. गुरुवार को उन्होंने सुषमा से भी लंबी चर्चा की. सुषमा जरूर विधानसभा चुनाव तक फैसले को टालने के पक्ष में थीं, लेकिन उनका रुख अडिग नहीं है. ऐसे में शुक्रवार को ही मोदी को बतौर प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने में कोई अड़चन नहीं बची.

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