प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के तीखे हमलों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सोनिया संप्रग सरकार में एक असंवैधानिक शक्ति थीं और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर वास्तव में वहीं शासन करती थीं जबकि अब उस सत्ता का केवल संवैधानिक ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा है. सोनिया के आरोप कि ‘राजग सरकार संसद में हठ व अहंकार वाला रवैया अपना रही है और यह एक व्यक्ति की सरकार है’ के जवाब में मोदी ने कहा,Amit Shah ‘शायद वह उस सचाई का जिक्र कर रही थीं, जब संप्रग सरकार को संविधानेतर ताकतें चला रही थीं. यदि आरोप यह है कि हम संवैधानिक माध्यमों से सरकार चला रहे हैं और किसी संविधानेतर शक्ति की नहीं सुन रहे हैं तो इस आरोप का मैं दोषी हूं.’

मोदी के इसी बयान के बाद बीजेपी अध्याक्ष अमित शाह ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सूरत में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यूपीए 2 के समय देश में नीतिगत जड़ता की स्थिति हो गई थी. एक भी फैसला नहीं लिया गया. यह किसी को पता नहीं था कि सरकार चल कहां से रही है. या तो यह सोनिया जी के घर से चल रही थी या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर से या फिर राहुल गांधी के इशारों से.  मोदी ने ये भी कहा कि संप्रग राज में ‘असंवैधानिक ताकतें’ पीएमओ की असली शक्ति बनी हुई थीं. अपनी सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने बहुत सारे सवालों के जवाब दिए.

पीएमओ व प्रधानमंत्री संवैधानिक व्यवस्था

सरकार की सारी ताकत पीएमओ में केंद्रित होने के सवाल पर मोदी ने कहा कि यह सवाल मनगढ़ंत है. यह सवाल तब पूछा जाना था, जब एक असंवैधानिक ताकत संवैधानिक प्रमुख पर राज कर रही थी और पीएमओ के अधिकारों का उपयोग कर रही थी. मोदी ने यह भी कहा कि सभी मंत्रालयों के वित्तीय अधिकार को तिगुना कर दिया गया है.  

कांग्रेस को मिली पाप की सजा

सूट-बूट की सरकार के राहुल के आरोप पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में करारी हार को एक साल भी पचा नहीं पा रही है. घपलों-घोटालों के पापों की सजा जनता ने उसे दी, हमने सोचा कि वह उससे सबक लेगी, लेकिन वह पहले जैसी ही विकास विरोधी बनी हुई है.

भूमि केंद्र का विषय नहीं है

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार पर कॉरपोरेट समर्थक होने के विपक्ष के आरोप के जवाब में मोदी ने कहा कि जमीन का विषय केंद्र सरकार का नहीं है, उसे जमीन नहीं चाहिए. जमीन से संबंधित सारे अधिकार राज्यों के पास हैं. पिछली सरकार ने 120 साल पुराने भूमि अधिग्रहण बिल को 120 मिनट भी संसद में चर्चा किए बगैर पारित कर दिया. इसे किसानों के हित में मानते हुए तब हमने भी इसका समर्थन किया. बाद में राज्यों से कई शिकायतें मिलीं. इसलिए हम संशोधन विधयक लाए वह भी राज्यों की मांग पर. कोई भी बगैर राजनीतिक चश्मे से बिल को देखेगा तो हमें पूरे नंबर देगा. भूमि अधिग्रहण व जीएसटी विधेयक संसद में पारित करा लिए जाएंगे.

बड़े देश उदंड नहीं हो सकते

अपने विदेश दौरों की आलोचना पर मोदी ने कहा कि 17 साल तक पड़ोसी देश नेपाल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का नहीं जाना अच्छी स्थिति नहीं थी. सिर्फ इस वजह से कि हम बड़े देश हैं इस वजह से उदंड और दूसरों की उपेक्षा करने वाले नहीं हो सकते.

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