करते थे सूद-Žयाज का कारोबार

नरोत्तम मिश्रा सिदगोड़ा थाना एरिया स्थित बारीडीह के मिथिला कॉलोनी में अपनी वाइफ व बच्चों के साथ रहते थे। टाटा मोटर्स से रिटायर होने के बाद नरोत्तम मिश्रा सूद-Žयाज का कारोबार करते थे। इस बीच 17 फरवरी 2004 को घर में ही नरोत्तम मिश्रा, उनकी वाइफ सपना, नाबालिग बेटी रानी व बेटा राजा मिश्रा की हत्या कर दी गई थी।

घर में मिले थे 5 लाख cash
घटना के बाद पुलिस ने जब घर की तलाशी ली तो उनकी बेटी रानी मिश्रा के रूम में अलमारी से 3 लाख रुपए व बेटे राजा मिश्रा के रूम में रखे ड्रेसिंग टेबल के ड्रॉवर से 2 लाख रुपए कैश मिले थे। इसके अलावा जितनी भी ज्वेलरी थी, सभी गायब पायी गई।

साक्ष्य के अभाव में आरोपी रिहा
इस मामले में पुलिस ने नरोत्तम मिश्रा की फस्र्ट वाइफ के भाई रमन झा से भी पूछताछ की। इसके अलावा पुलिस ने तीन अन्य लोगों को भी अरेस्ट किया, लेकिन सबूत के अभाव में सभी को कोर्ट ने रिहा कर दिया।

Mastermind के रूप में भांजा का नाम आया था सामने
इस मामले में पुलिस का शक नरोत्तम मिश्रा के भांजा शंकर मिश्रा उर्फ नन्हें पर भी गया। वह मुंबई में रहता था, इस कारण उसकी अरेस्टिंग नहीं हो पा रही थी। पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस की भी हेल्प ली। पुलिसिया जांच में यह बात सामने आयी थी कि नन्हें ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड था।

आखिर हत्यारा है कौन?
पुलिस ने मर्डर वेपन को भी रिकवर किया था। इसके बाद से पुलिस काफी एक्साइटेड हो
गई थी। इस एक्साईटमेंट में पुलिस ने मर्डर वेपन का फोरेंसिक टेस्ट नहीं करवाया। इस कारण सभी आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस हत्याकांड में भी अब तक यह नहीं पता चल सका कि आखिर हत्यारा है कौन?

'गवाहों का बयान काम नहीं आया और पुलिस भी कोई प्रूफ नहीं दे सकी। इस कारण सभी एक्यूज्ड को सबूत के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया.'
-एसएन सिंह एडवोकेट (डिफेंस)

Report by: jamshedpur@inext.co.in